उज्जैन: 6 साल के बच्चे की गवाही और डीएनए के आधार पर हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: January 24, 2020 06:05 IST2020-01-24T06:05:53+5:302020-01-24T06:05:53+5:30

जघन्य हत्या के मामले में उज्जैन जिला न्यायालय ने बड़ा एवं महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। मामले के गवाहों के होस्टाइल होने के बाद न्यायालय ने नाबालिक बच्चे के बयान पर जिला सत्र न्यायाधीश एस.के.पी. कुलकर्णी ने हत्या के आरोपी सुनील परमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

Ujjain: Life imprisonment to murder accused based on testimony and DNA of 6-year-old child | उज्जैन: 6 साल के बच्चे की गवाही और डीएनए के आधार पर हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

जघन्य हत्या के मामले में उज्जैन जिला न्यायालय ने बड़ा एवं महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। मामले के गवाहों के होस्टाइल होने के बाद न्यायालय ने नाबालिक बच्चे के बयान पर जिला सत्र न्यायाधीश एस.के.पी. कुलकर्णी ने हत्या के आरोपी सुनील परमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी ऑटो चालक ने बच्चों के सामने माँ की हत्या की थी। दोनों नाबालिक बच्चों को न्यायालय ने जिला विधिक सहायता केन्द्र एवं जिला कलेक्टर को परवरिश करने के आदेश दिए हैं। मामला थाना माधवनगर क्षेत्र के अंतर्गत दिसम्बर 2018 का है ।

जिला एवं सत्र न्यायाधीश उज्जैन एस.के.पी. कुलकर्णी के न्यायालय ने आरोपी सुनील परमार पिता रघुनाथ परमार, उम्र 27 वर्ष, निवासी - महानंदा नगर अंतर्गत थाना माधवनगर, जिला उज्जैन को धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास एवं 5,000/-रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।    

उप-संचालक अभियोजन डॉ0 साकेत व्यास ने अभियोजन घटना अनुसार बताया कि 08.दिसंबर .2018 को फरियादिया श्रीमती भंवरबाई पति उमराव नाथ ने जिला अस्पताल उज्जैन में घटना के संबंध में पुलिस थाना माधवनगर को रिपोर्ट लिखाई की घटना दिनांक  के शाम 05ः00 बजे की बिडला अस्पताल के पास खाली प्लाट झुग्गी झोपडी महानंदा नगर की है। मैं अपनी नातिन काजल उर्फ कालीबाई के साथ बिडला अस्पताल के पास खाली प्लाट में झोपडी बनाकर रहती हूं। काजल को उसके पति को छोड़ दिया था।

पति दिल्ली में रहता था तथा कॉजल अपने दो लडको उम्र 06 वर्ष एवं 04 वर्ष के साथ झुग्गी झोपडी महानन्दा नगर में रहती थी। आरोपी सुनिल का कॉजल के यहॉ आना जाना था। आज करीबन शाम 05.00 बजे मैं नागझिरी से बाजार कर लोट रही थी तो मैनें देखा कि हमारी झोपडी के पीछे खाली प्लाट में मेरी नातिन काजल को महानंदा नगर का रहने वाला लडका सुनील परमार चाकू से मार रहा था तो मैंने यह देखकर जोर जोर से आस पास की झोपडी वालो को आवाज लगाई तो कॉजल के बच्चें शोर सुनकर झुग्गी के बाहर आ गये थे जिन्होने घटना देखी, आरोपी सुनील परमार कॉजल को वही पर पटक कर छोड कर भाग गया। फिर मैंने कॉजल को देखा तो उसके सिर में, गर्दन में और छाती से खून बह रहा था फिर मैंने कॉजल के माता पिता को खबर करते हुये आसपास के लोगों और पुलिस की सहायता से कॉजल को तुरंत ईलाज के लिए जिला अस्पताल चामुंडा माता के पास लेकर आये जहां डाक्टर ने कॉजल को मृत बता दिया।

सुनील परमार बलाई कॉजल के पास आता जाता रहता था तो एक दिन कॉजल ने सुनील को हमारी झोपडी में आने का मना कर दिया तो सुनील कॉजल को यह बोलकर गया कि देख लूंगा इसी बात पर से सुनील परमार ने काजल को चाकू से मारा है। फरियादिया की उक्त रिपोर्ट पर से देहाती नालसी कायम कर उस पर से थाना माधवनगर पर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध की गई थी। आवश्यक अनुसंधान पश्चात अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। 

अभियोजन अधिकारी राजकुमार नेमा द्वारा प्रकरण की परिस्थतिजन्य साक्ष्य को न्यायालय में साबित किया गया । न्यायालय में विचारण के दौरान भंवरबाई पक्षद्रोही हो गई थी किन्तु मृतक कालीबाई के पुत्र द्वारा घटना के संबंध में बताया था कि आरोपी द्वारा ही चाकू से ही मृत्यु कारित की है। अनुसंधान के दौरान पुलिस द्वारा परिस्थितिजन्य साक्ष्य एकत्रित की गई थी, जिसे अभियोजन द्वारा न्यायालय में साबित किया गया था।

परिस्थतिजन्य साक्ष्य में अभियुक्त द्वारा घटना के समय पहने हुये कपडे एवं घटना के समय प्रयुक्त चाकू पर पाये रक्त तथा मृतिका कॉजल के रक्त के नमूने का डीएनए कराया गया था, डीएनए प्रोफाइल पॉजीटिव प्राप्त हुआ था। मृतिका कॉजल के शरीर पर 15 कटे हुए घाव आये थे जिन्हें मेडिकल रिपोर्ट एवं पीएम रिपोर्ट के आधार साबित किया गया था। 

न्यायालय नेअपने निर्णय में अर्थदण्ड की राशि 5,000 /- रुपये मृतिका के पुत्र को बतौर क्षतिपूर्ति दिये जाने का तथा मृतिका के पुत्रों की उम्र 06 एवं उम्र 04 वर्ष की होने तथा पिता द्वारा पहले ही उन्हें परित्यक्त कर दिया है तथा मॉ की मृत्यु हो गई है ऐसी स्थिति में न्यायालय द्वारा सचिव विधिक सेवा प्राधिकरण को प्रतिकरण योजना के तहत मुआवजा देने हेतु समिति के समक्ष मामला रखने का निर्णय में लेख किया गया है तथा मृतिका के दोनो पुत्रों जो की अनाथ हो गये है वह घटना के समय विद्या अध्ययनरत थे इसलिये राज्य उनके शिक्षण एवं पोषण की जबाबदारी ले और उनका उचित व्यवस्थापन करें। इस हेतु सचिव विधिक सेवा प्राधिकरण को निर्णय में लिखा गया है। न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी को दण्डित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी राजकुमार नेमा, डी.पी.ओ. जिला उज्जैन द्वारा की गई। 

Web Title: Ujjain: Life imprisonment to murder accused based on testimony and DNA of 6-year-old child

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