उज्जैन: पारंपरिक मालवा मंगल लोकगीतों के साथ दिव्यांग जोड़ों को लगी हल्दी-मेहंदी

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: March 12, 2020 07:50 IST2020-03-12T07:50:32+5:302020-03-12T07:50:40+5:30

हल्दी में मिलाए जाने वाले केसर व सुगंधित तेल घर पर तैयार किए गए हैं। जिन्हें मिलाकर एक विशेष प्रकार का रूप निखारने के लिए उबटन तैयार किया गया है।

Ujjain: Haldi-Mehndi ritual done by singing traditional Malwa Mangal folk songs to Divyang couples | उज्जैन: पारंपरिक मालवा मंगल लोकगीतों के साथ दिव्यांग जोड़ों को लगी हल्दी-मेहंदी

हल्दी मेहंदी कार्यक्रम में सांप्रदायिक सौहार्द देखने को मिला। एक ही मंच के नीचे हिंदू और मुस्लिम दोनों दिव्यांग जोड़ों को हल्दी और मेहंदी लगाई गई।

Highlights11-12 मार्च को दिव्यांग विवाह सम्मेलन में मेघदूत परिसर में शादी के अवसर पर गाए जाने वाले पारंपरिक मालवी मंगल लोकगीत ''रिद्धि सिद्धि की लड़ियां लड़ी गजानन दूल्हा बने'' का गायन करते हुए दिव्यांग जोड़ों को हल्दी और मेहंदी लगाई गई। जोड़ों को हल्दी लगाने का कार्य भारतीय जैन संगठन की महिला सदस्यों द्वारा किया गया। इसके एक दिन पूर्व परंपरानुसार भगवान गणेश का पूजन किया गया।

11-12 मार्च को दिव्यांग विवाह सम्मेलन में मेघदूत परिसर में शादी के अवसर पर गाए जाने वाले पारंपरिक मालवी मंगल लोकगीत ''रिद्धि सिद्धि की लड़ियां लड़ी गजानन दूल्हा बने'' का गायन करते हुए दिव्यांग जोड़ों को हल्दी और मेहंदी लगाई गई। 

जोड़ों को हल्दी लगाने का कार्य भारतीय जैन संगठन की महिला सदस्यों द्वारा किया गया। इसके एक दिन पूर्व परंपरानुसार भगवान गणेश का पूजन किया गया।

संगठन की सदस्य श्रीमती ममता जैन और अध्यक्ष श्रीमती कल्पना सुराणा द्वारा जानकारी दी गई कि संगठन के 40 सदस्यों द्वारा 121 दिव्यांग जोड़ो को हल्दी लगाने का कार्य किया जा रहा है। 

हल्दी में मिलाए जाने वाले केसर व सुगंधित तेल घर पर तैयार किए गए हैं। जिन्हें मिलाकर एक विशेष प्रकार का रूप निखारने के लिए उबटन तैयार किया गया है।

उल्लेखनीय है कि हल्दी मेहंदी कार्यक्रम में सांप्रदायिक सौहार्द देखने को मिला। एक ही मंच के नीचे हिंदू और मुस्लिम दोनों दिव्यांग जोड़ों को हल्दी और मेहंदी लगाई गई। 

इस दौरान महिला सदस्यों के साथ ही अपर कलेक्टर बिदिशा मुखर्जी एवं अन्य महिला अधिकारी एवं कर्मचारियों ने ढोल की थाप पर नृत्य भी किया तथा पारंपरिक मालवी लोक गीतों का भी गायन किया गया।

मंगलवार को दिव्यांग जनों का विवाह निर्विघ्न संपन्न होने के लिए भगवान गणेश का पूजन अर्चन किया गया। अपर कलेक्टर श्रीमती विदिशा मुखर्जी द्वारा हिंदू विवाह परंपरा अनुसार सर्वप्रथम भगवान गणेश जी का पूजन अर्चन किया गया। पूजन अर्चन आचार्य निर्मल गुरु ने संपन्न कराया। आचार्य निर्मल गुरु के सानिध्य में ही विवाह कार्यक्रम के अंतर्गत होने वाले समस्त पूजन विधि विधान से संपन्न कराए जाएंगे।

दिव्यांग जोड़ों को मेहंदी लगाने का कार्य नोबेल फाउंडेशन के द्वारा किया गया। फाउंडेशन के सदस्य श्री सिद्दीकी अहमद खान और अनवर उल हक ने बताया कि फाउंडेशन के 45 लोगों द्वारा दिव्यांग जनों को मेहंदी लगाई जा रही है। इसके अलावा अगले दिन मुख्य विवाह समारोह में फाउंडेशन द्वारा दिव्यांग जोड़ो  को तैयार करने के लिए ब्यूटीशियंस की टीम अपने किट के साथ उपलब्ध कराई जाएगी जो सभी जोड़ों का मेकअप करेगी।

हल्दी मेहंदी की रस्म के दौरान नोडल अधिकारी सहायक श्रम आयुक्त श्रीमती मेघना भट्ट सहायक संचालक अल्पसंख्यक कल्याण डॉ अनुराधा सकवार मौजूद थे। इस दौरान सेवा धाम आश्रम कि 29 वधुओं का चल समारोह ढोल ताशे की थाप के साथ परिसर में निकाला गया। इसकी अगुवाई जिला पंचायत के अध्यक्ष करण कुमारिया ने की । इस दौरान आनंदक केशर सिंह पटेल, सेवा धाम आश्रम के संचालक सुधीर भाई गोयल और अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद थे ।

प्वाइंट पर दिव्यांग जोड़ों ने ली सेल्फी

हल्दी मेहंदी रस्म के ठीक पहले फुर्सत के पलों में दिव्यांग जोड़ों द्वारा मेघदूत परिसर में बनाए गए सेल्फी प्वाइंट पर होने वाले जीवनसाथी और परिवारजनों के साथ सेल्फी ली गई। महापौर श्रीमती मीना जोनवाल द्वारा दिव्यांग जोड़ों को हल्दी और मेहंदी लगाई गई।

Web Title: Ujjain: Haldi-Mehndi ritual done by singing traditional Malwa Mangal folk songs to Divyang couples

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