नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता उदित राज लगातार चर्चा का विषय बने हुए हैं। इस बीच उदित राज ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर अपनी चापलूसी वाली टिप्पणी पर खेद व्यक्त किया, लेकिन कहा कि वह सवाल उठाना जारी रखेंगे और राष्ट्रपति को बयान देने से पहले सोचना चाहिए।
उन्होंने गुरुवार को ट्वीट कर लिखा, "राष्ट्रपति जी को बयान सोच करके देना चाहिए। नमक खाने का अर्थ गहरा है। मेरे शब्द चयन में गलती हुई, खेद है। मैं सवाल करता रहूंगा। मैं पद का मोह नहीं रखता, एससी/एसटी का प्रतिनिधित्व करता हूं तो तड़प जाता हूं जब इनके नाम से उच्च पद पर रहकर चुप रहते हैं।" उदित राज ने बुधवार को राष्ट्रपति मुर्मू पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया था, "द्रौपदी मुर्मू जी जैसी राष्ट्रपति किसी देश को न मिले। चमचागिरी की भी हद है। कहती हैं 70 प्रतिशत लोग गुजरात का नमक खाते हैं। खुद नमक खाकर जिंदगी जिएं तो पता लगेगा।"
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस नेता उदित राज द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर गुरुवार को प्रमुख विपक्षी पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि यह टिप्पणी कांग्रेस की ‘आदिवासी विरोधी’ मानसिकता को दर्शाती है। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, "उदित राज ने पहले भी इस प्रकार का अपराध किया है। उन्होंने न सिर्फ राष्ट्रपति मुर्मू, बल्कि शीर्ष संवैधानिक पद का और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी का भी लगातार अपमान किया है।"
पूनावाला ने कहा, "उदित राज ने तत्कालीन राष्ट्रपति (कोविंद) के लिए ‘गूंगा और बहरा’ शब्द का इस्तेमाल किया था। अब उन्होंने मुर्मू जी को चमचा कहा है। कांग्रेस ने कभी उन पर कार्रवाई नहीं की, क्योंकि वह उनकी राय का समर्थन करती है।" ज्ञात हो कि राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद मुर्मू सोमवार को पहली बार गुजरात पहुंची थीं। गांधीनगर में गुजरात सरकार की ओर से आयोजित एक अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा था, "गुजरात में पैदा होने वाला नमक सभी भारतीयों द्वारा खाया जाता है।"