महाराष्ट्र: उद्धव ठाकरे ने फड़नवीस के कड़वाहट खत्म करने के आवाह्न का स्वागत किया, कहा- आपको पहल करनी चाहिए

By रुस्तम राणा | Published: October 28, 2022 02:54 PM2022-10-28T14:54:19+5:302022-10-28T15:43:06+5:30

डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस के इस आवाह्न का जवाब देते हुए, उद्धव ठाकरे ने अपने संपादकीय में लिखा कि राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं है। "अगर आपके मन में कड़वाहट खत्म करने का ख्याल आ गया है, तो आपको तुरंत पहल करनी चाहिए।"

Uddhav Thackeray welcomes Fadnavis's call to end bitterness in politics | महाराष्ट्र: उद्धव ठाकरे ने फड़नवीस के कड़वाहट खत्म करने के आवाह्न का स्वागत किया, कहा- आपको पहल करनी चाहिए

महाराष्ट्र: उद्धव ठाकरे ने फड़नवीस के कड़वाहट खत्म करने के आवाह्न का स्वागत किया, कहा- आपको पहल करनी चाहिए

Highlightsदिवाली पर फड़नवीस ने कहा- राजनीति में बहुत कड़वाहट होती है, इसे खत्म करने की जरूरत हैउद्धव ठाकरे ने अपने संपादकीय में लिखा राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं हैबोले - अगर आपके मन में कड़वाहट खत्म करने का ख्याल आ गया है, तो आपको तुरंत पहल करनी चाहिए

मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य के डिप्टी और बीजेपी नेता फड़नवीस के राजनीति में कड़वाहट खत्म करने के आह्वान का स्वागत किया है। समाना के संपादकीय में एक लेख में कहा गया है कि फड़नवीस को राजनीतिक कड़वाहट खत्म करने का बीड़ा उठाना चाहिए। दरअसल, फड़नवीस ने दिवाली मिलन कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि राजनीति में बहुत कड़वाहट होती है, इसे खत्म करने की जरूरत है। 

फड़नवीस के इस आवाह्न का जवाब देते हुए, उद्धव ठाकरे ने अपने संपादकीय में कहा कि राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं है। "अगर आपके मन में कड़वाहट खत्म करने का ख्याल आ गया है, तो आपको तुरंत पहल करनी चाहिए।" महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना विधायकों के एक समूह के साथ विद्रोह का नेतृत्व किया जिसके कारण महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी सरकार (एमवीए) गिर गई। 

एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में विद्रोह से प्रभावित उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में अपने इस्तीफे की घोषणा की। ठाकरे के इस्तीफे का मतलब शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी महा विकास अघाड़ी गठबंधन का अंत था, जिसने 31 महीने तक राज्य पर शासन किया था। महाराष्ट्र विधान परिषद (एमएलसी) चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद राजनीतिक संकट शुरू हो गया था। भाजपा ने चुनाव में पांच सीटें जीतीं, जिसमें शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को दो-दो सीटें मिलीं। करीब 20 विधायकों के क्रॉस वोटिंग की आशंका जताई जा रही है।

गौरतलब है कि 2019 तक शिवसेना भी एनडीए का हिस्सा थी। लेकिन 2019 में चुनाव पूर्व शिवसेना गठबंधन से बाहर निकलकर कांग्रेस और राकांपा के साथ सरकार बना ली और उद्धव ठाकरे को सीएम बनाया गया। इस साल जुलाई तक महा विकास अघाड़ी की सरकार चली। फिर शिवसेना में टूट के बाद एकनाथ शिंदे ने भाजपा के साथ राज्य में सरकार बनाई और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। 

हाल ही में, चुनाव आयोग (ईसी) ने 3 नवंबर को होने वाले महत्वपूर्ण अंधेरी उपचुनाव से पहले उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुटों के बीच लंबे समय से चली आ रही खींचतान के बीच शिवसेना के धनुष और तीर के निशान को सील कर दिया। शिवसेना के दो प्रतिद्वंद्वी गुटों के लिए नया नाम भी जारी किया। 

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