उद्धव ठाकरे ने भाजपा के 'ऑपरेशन लोटस' को बताया लोकतंत्र के लिए घातक, बोले- 'गलत परंपरा कायम हो रही है'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: August 26, 2022 16:11 IST2022-08-26T16:05:37+5:302022-08-26T16:11:40+5:30
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकने ने पार्टी के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में लिखे लेख के जरिये केंद्र की भाजपा नेतृत्व पर आरोप लगाया कि वो ईडी के इस्तेमाल से दिल्ली की आम आदमी पार्टी को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है।

फाइल फोटो
मुंबई: महाराष्ट्र में अपने विधायकों से मिले धोखे के कारण सत्ता गंवाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने दिल्ली सरकार के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों मसलन सीबीआई और ईडी की छापेमारी के संबंध में मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकने ने शुक्रवार को पार्टी के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में लिखे लेख के जरिये केंद्र की भाजपा नेतृत्व पर ईडी की मदद से दिल्ली की आम आदमी पार्टी को अस्थिर करने का आरोप लगाया है।
'वर्षा' से वापस 'मातोश्री' में आकर अपने कुनबे को संभालने में जुटे हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र के बाद अब दिल्ली में 'आप' सरकार को गिराने की कोशिश से पता चलता है कि भाजपा का 'ऑपरेशन लोटस' देश के लोकतंत्र के लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है।
'सामना' के संपादकीय में उद्धव ठाकरे ने लिखा है कि केंद्र की भाजपा सरकार 2024 के लोकसभा चुनावों को लेकर बेहद डरी हुई है और यही कारण है कि वो शरद पवार, उद्धव ठाकरे, अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी और नीतीश कुमार जैसे विपक्षी दलों के नेताओं को ईडी के जरिये दबाने और धमकाने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भाजपा पर आरोप लगा रहे हैं कि वो उनकी पार्टी के 40 विधायकों को तोड़ने के लिए 800 करोड़ रुपये देने की पेशकश कर रही थी, लेकिन भाजपा ने आम आदमी पार्टी के इन आरोपों को खारिज किया है।
उद्धव ठाकने 'सामना' में लिखते हैं कि अगर इस बात में थोड़ी सी भी सच्चाई है तो इस बात से पता चलता है कि भाजपा का 'ऑपरेशन लोटस' देश के लोकतंत्र के लिए कितना घातक है। इसके साथ ही ठाकरे यह भी लिखते हैं कि मौजूदा भारतीय जनता पार्टी के शासन में केंद्रीय जांच एजेंसियों की छापेमारी और बदले की राजनीति सबसे बड़े हथियार बने हुए हैं।
भाजपा के विरोध दल अक्सर आरोप लगाते हैं कि गैर लोकतांत्रिक तरीके से वो विपक्षी दलों की सरकार को गिराने की साजिश करती है, जिसके लिए 'ऑपरेशन लोटस' शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। बीते 2014 के बाद से भाजपा ने कई राज्य सरकारों को साजिश करके केवल इसलिए गिरा दिया ताकि वहां पर भाजपा की सरकार बनाई जा सके, भले उसके पास बहुमत हो या फिर न हो।
'सामना' में उद्धव ठाकरे आरोप लगा रहे हैं कि केंद्र की सरकार केंद्रीय एजेंसी ईडी का इस्तेमाल आजकल दिल्ली की चुनी हुई केजरीवाल सरकार को गिराने में कर रहा है, जिसे लोकतंत्र में कहीं से भी सभ्य परंपरा नहीं कहा जा सकता है।
मालूम हो कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना के गठबंधन से बनी महाविकास अघाड़ी सरकार को खुद शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे की बगावत के कारण सत्ता से जाना पड़ा था और उसके बाद एकनाथ शिंदे ने 40 बागी विधायकों के साथ भाजपा से हाथ मिला लिया था। इसके इनाम भी एकनाथ शिंदे को मिला और वो आज की तारीख में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने हुए हैं।
उद्धव ठाकरे ने 'सामना' में लिखा है कि महाराष्ट्र में ईडी का ऐसा दबाव था कि शिवसेना के बागी विधायकों ने सरेंडर कर दिया लेकिन दिल्ली में आप विधायकों ने ऐसा नहीं किया। इसके अलावा नीतीश कुमार ने बिहार में और के चंद्रशेखर राव ने तेलंगाना में 'ऑपरेशन लोटस' को फेल कर दिया है।
महाराष्ट्र में सत्ता जाने के दर्द का इजहार करते हुए ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र समेत जिन भी प्रदेशों में भाजपा ने 'ऑपरेशन लोटस' को कामयाब बनाया, वहां उन्हें शुद्ध बहुमत नहीं मिला था लेकिन उन्होंने बहुमत की "लूट" को अंजाम दिया और कई राज्यों में सत्ता हासिल की।
उद्धव ठाकरे ने शिंदे समूह के साथ सुप्रीम कोर्ट में चल रही कानूनी लड़ाई का जिक्र करते हुए कहा कि शिवसेना को देश की सर्वोच्च अदालत पर पूरा भरोसा है, हमें न्याय मिलेगा, लेकिन हमें न्याय मिलने में देरी हो रही है, जो नहीं होनी चाहिए। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)