उदयपुर: दर्जी कन्हैया लाल की नृशंस हत्या के विरोध में गुरुवार को हजारों लोगों ने हाथ में केसरिया ध्वज लिए मार्च निकाला। हालांकि विरोध मार्च के दौरान पथराव भी हुआ लेकिन पुलिस ने परिस्थिति को संभालने में सफल रही। भारी सुरक्षा के बीच विरोध मार्च में विभिन्न हिंदू संगठनों के लगभग हजारों प्रदर्शनकारियों द्वारा भगवा झंडा लेकर न्याय की मांग करते हुए नारे लगाए। स्थानीय पुलिस के मुताबिक, जिला प्रशासन की अनुमति के बाद यह विरोध मार्च शांतिपूर्ण तरीके से निकाला गया।
हालांकि शहर में कर्फ्यू के दौरान जुलूस की अनुमति दिए जाने और बड़ी सभाओं पर प्रतिबंध लगाने पर सवाल उठाए गए थे। इससे पहले हत्या को लेकर मंगलवार को हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से शहर में सभी दुकानें बंद हैं और इंटरनेट बंद है। कन्हैया लाल के परिवार से मुलाकात करने वाले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दौरे को लेकर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इस बीच गुरुवार को सीएम ने कन्हैया लाल के परिजनों से मुलाकात की।
गौरतलब है कि 48 वर्षीय कन्हैया लाल की मंगलवार को गौस मोहम्मद और रियाज अख्तरी नाम के दो लोगों ने उसकी दुकान पर ही धारदार हथियार से हत्या कर दी थी। हत्यारों ने इस पूरी घटना का वीडियो भी बनाकर इंटरनेट पर अपलोड कर दिया था। इसके बाद दोनों ने वीडियो बनाकर ही इस हत्या का कबूलनाम किया था और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को भी धमकी दी।
बाद में पुलिस ने दोनों हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया गया और इस मामले में पांच अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मामले की जांच देश की शीर्ष आतंकवाद निरोधी संस्था राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी है।