उदयपुर हत्याकांडः कन्हैयालाल ने पुलिस से मांगी थी सुरक्षा, बेल के बाद मिल रही थी जान से मारने की धमकियां, दोनों पक्षों में लिखित समझौता हुआ था
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 29, 2022 12:54 PM2022-06-29T12:54:09+5:302022-06-29T13:04:46+5:30
उदयपुर में हत्या की घटना पर हवा सिंह घुमरिया ( एडीजी लॉ एंड ऑर्डर) ने बताया कि 10 जून को कन्हैयालाल के खिलाफ एक रिपोर्ट दर्ज हुई थी जिसमें कहा गया था कि पैगंबर मुहम्मद पर जो आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी उसे इन्होंने आगे प्रचारित किया है।
राजस्थानःउदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल की हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। हर कोई इस घटना की निंदा कर रहा है। कई मुस्लिम संगठनों ने भी इसकी सार्वजनिक रूप से निंदा की है। हत्या की जांच के लिए एक एसआईटी गठित की गई है जिसमें एसओजी एडीजी अशोक कुमार राठौर, एटीएस आईजी प्रफुल्ल कुमार, एक एसपी और एडिशनल एसपी को शामिल किया गया है।
उदयपुर में हत्या की घटना पर हवा सिंह घुमरिया ( एडीजी लॉ एंड ऑर्डर) ने बताया कि 10 जून को कन्हैयालाल के खिलाफ एक रिपोर्ट दर्ज हुई थी जिसमें कहा गया था कि पैगंबर मुहम्मद पर जो आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी उसे इन्होंने आगे प्रचारित किया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कन्हैयालाल पर 15 जून को मुकदमा हुआ था। कोर्ट में पेशी हुई और उसी दिन उसे बेल मिल गई।
हवा सिंह ने कहा कि जब कन्हैया बेल पर बाहर आया उसके कुछ दिन बाद इन्होंने अपनी जान पर खतरा बताते हुए कहा कि उन्हें जान से मारने की धमकी मिल रही है। पुलिस से संरक्षण मांगा। तत्काल एक्शन लेते हुए SHO ने कन्हैयालाल और जो उन्हें धमकी दे रहे थे दोनों पक्ष से बात चीत कर हस्ताक्षर करवाया कि हम दोनों के बीच जो भी मन मुटाव था वो दूर हो गया है और एक लिखित रिपोर्ट भी दी गई जिसके बाद पुलिस ने आगे कोई कार्रवाई नहीं की।
बता दें कि पुलिस ने वारदात के दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान उदयपुर के सूरजपोल इलाके के निवासी गोस मोहम्मद, बेटे रफीक मोहम्मद और अब्दुल जब्बार के बेटे रियाज के रूप में हुई है। कन्हैयालाल के शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है।
उदयपुर संभागीय आयुक्त राजेंद्र भट्ट ने कन्हैयालाल के परिजनों को 31 लाख रुपए का आर्थिक मुआवजा देने की घोषणा की है। हालांकि परिजनों ने मुआवजे के रूप में 50 लाख रुपए और एक सरकारी नौकरी की मांग की है। साथ ही कन्हैलाल की पत्नी ने दोषियों को फांसी की सजा की मांग की है।
इस बीच कन्हैयालाल की हत्या को लेकर राजस्थान पुलिस और राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर राज्य की अशोक गहलोत विपक्ष के निशाने पर है। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि इंसानियत के खिलाफ तालिबानी क्रूरता और शैतानी जुर्म न कोई इमान वाला कर सकता है न इस्लाम वाला, यह तालिबानी वाला कर सकता है। इस तरह की तालिबानी साजिशों को परास्त करना सबकी ज़िम्मेदारी है। यह केवल इंसानियत के नहीं बल्कि इस्लाम के भी दुश्मन है।
वहीं भाजपा नेता राज्यवर्धन सिंह राठौर ने राज्य सरकार को घेरते हुए कहा कि राजस्थान में कांग्रेस की नंपुसक सरकार है। 3.5 साल हो गए और इन्होंने जो काम किए हैं उसके कारण ही आज जिहादियों के हौसले बुलंद हैं। ये एक अकेली घटना नहीं है अनेकों घटनाएं इंतजार कर रही हैं होने का...।
उन्होंने कहा, राजस्थान सरकार हाथ बांध के सिर्फ अपनी कुर्सी बचाकर बैठी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मानसिक रूप से दिल्ली में रहते हैं और अंदरूनी खींचतान के कारण जनता पिस रही है। जब राजस्थान में लॉ एंड ऑर्डर है ही नहीं तो ऐसे ही लोगों के हौसले बढ़ते हैं। राजस्थान में सरकार के नाम पर कोई है ही नहीं। विधायकों को भी खुली छूट दे रखी है। राजस्थान में बिल्कुल नपुंसक सरकार है।
राजस्थान की पूर्व CM और BJP नेता वसुंधरा राजे ने कांग्रेस सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि उदयपुर में एक निर्दोष युवक की निर्मम हत्या से यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य सरकार की शह और तुष्टिकरण के कारण अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। राज्य सरकार की इसी नीति के कारण प्रदेश में सांप्रदायिक उन्माद और हिंसा की स्थिति उत्पन्न हुई है। इस घटना के पीछे जिन लोगों और संगठनों का हाथ है उन्हें बेनकाब कर तुरंत गिरफ्तार किया जाए।
मालूम हो कि उदयपुर से सुबह के दृश्य जहां कन्हैया लाल की हत्या के मद्देनजर धारा 144 लागू कर दी गई है। कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए, राज्य भर में 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है और अगले एक महीने के लिए सभी जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है।