वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम रैंकिंग में दो कदम नीचे खिसका भारत, 180 देशों में 140वां स्थान

By भाषा | Published: April 18, 2019 07:54 PM2019-04-18T19:54:24+5:302019-04-18T19:58:51+5:30

Two steps down in the World Press Freedom Ranking India, 140th place in 180 countries | वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम रैंकिंग में दो कदम नीचे खिसका भारत, 180 देशों में 140वां स्थान

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 ‘रिपोर्ट्स विदआउट बॉर्ड्स्’ की सालाना रिपोर्ट में भारत प्रेस की आजादी के मामले में दो पायदान खिसक गया है। 180 देशों में भारत का स्थान 140वां है। बृहस्पतिवार को जारी रिपोर्ट में भारत में चल रहे चुनाव प्रचार के दौर को पत्रकारों के लिए खासतौर पर सबसे खतरनाक वक्त के तौर पर चिन्हित किया है। ‘विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2019’ में नॉर्वे शीर्ष पर है।

इसमें पाया गया है कि दुनिया भर में पत्रकारों के प्रति दुश्मनी की भावना बढ़ी है। इस वजह से भारत में बीते साल अपने काम के कारण कम से कम छह पत्रकारों की हत्या कर दी गई। सूचकांक में कहा गया है कि भारत में प्रेस स्वतंत्रता की वर्तमान स्थिति में से एक पत्रकारों के खिलाफ हिंसा है जिसमें पुलिस की हिंसा, माओवादियों के हमले, अपराधी समूहों या भ्रष्ट राजनीतिज्ञों का प्रतिशोध शामिल है।

2018 में अपने काम की वजह से भारत में कम से कम छह पत्रकारों की जान गई है। सातवें मामले पर भी यही संदेह है। इसमें कहा गया है कि ये हत्याएं बताती हैं कि भारतीय पत्रकार कई खतरों का सामना करते हैं, खासतौर पर, ग्रामीण इलाकों में गैर अंग्रेजी भाषी मीडिया के लिए काम करने वाले पत्रकार। विश्लेषण में आरोप लगाया गया है कि 2019 के आम चुनाव के दौरान सत्तारूढ़ भाजपा के समर्थकों द्वारा पत्रकारों पर हमले बढ़े हैं।

पेरिस स्थित रिपोर्ट्स सैन्स फ्रंटियर्स (आरएसएफ) या रिपोर्ट्स विदआउट बॉर्ड्स एक गैर लाभकारी संगठन है जो दुनिया भर के पत्रकारों पर हमलों का दस्तावेजीकरण करने और मुकाबला करने के लिए काम करता है। 2019 के सूचकांक में रिपोर्ट्स विदआउट बॉर्ड्स ने पाया कि पत्रकारों के खिलाफ घृणा हिंसा में बदल गई है जिससे दुनिया भर में डर बढ़ा है।

भारत के संदर्भ में, इसने हिन्दुत्व को नाराज करने वाले विषयों पर बोलने या लिखने वाले पत्रकारों के खिलाफ सोशल मीडिया पर समन्वित घृणित अभियानों पर चिंता जताई है। इसने रेखांकित किया है कि जब महिलाओं को निशाना बनाया जाता है तो अभियान खासतौर पर उग्र हो जाता है। 2018 में मीडिया में ‘मी टू’ अभियान के शुरू होने से महिला संवाददाताओं के संबंध में उत्पीड़न और यौन हमले के कई मामलों पर से पर्दा हटा। इसमें कहा गया है कि जिन क्षेत्रों को प्रशासन संवेदनशील मानता है वहां रिपोर्टिंग करना बहुत मुश्किल है जैसे कश्मीर। कश्मीर में विदेशी पत्रकारों को जाने की इजाजत नहीं है और वहां अक्सर इंटरनेट काट दिया जाता है। दक्षिण एशिया से, प्रेस की आजादी के मामले में पाकिस्तान तीन पायदान लुढ़कर 142 वें स्थान पर है जबकि बांग्लादेश चार पायदान लुढ़कर 150वें स्थान पर है। नॉर्वे लगातार तीसरे साल पहले पायदान पर है जबकि फिनलैंड दूसरे स्थान पर है। 

English summary :
World Press Freedom Ranking: In the annual report of 'Report Without Borders', india has lost its ranking in two points India's place is 140th in 180.


Web Title: Two steps down in the World Press Freedom Ranking India, 140th place in 180 countries

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