दिल्ली चुनाव में जिस अफसर को चुनाव आयोग ने लगायी थी फटकार, अमित शाह के मंत्रालय ने उसी को सौंपी दिल्ली हिंसा की जाँच

By गुणातीत ओझा | Published: February 28, 2020 01:34 PM2020-02-28T13:34:39+5:302020-02-28T13:34:39+5:30

दिल्ली पुलिस ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों की एसआईटी (SIT) को दे दिया है। गुरुवार को दिल्ली पुलिस अपराध शाखा के तहत एक विशेष जांच दल का गठन किया गया है।

Two SIT s to probe northeast Delhi violence | दिल्ली चुनाव में जिस अफसर को चुनाव आयोग ने लगायी थी फटकार, अमित शाह के मंत्रालय ने उसी को सौंपी दिल्ली हिंसा की जाँच

दिल्ली हिंसा के गुनहगारों को बेनकाब करने के लिए बनाई गई दो एसआईटी टीम

Highlightsदिल्ली हिंसा के गुनहगारों को बेनकाब करने के लिए बनाई गई दो एसआईटी टीमएसआईटी टीम को लीड करने वाले पुलिस अधिकारी को चुनाव आयोग ने चुनावी ड्यूटी से कर दिया था बाहर

संशोधित नागरिकता कानून पर दिल्ली में हुए दंगों के गुनहगारों को बेनकाब करने के लिए दो विशेष जांच दल(एसआईटी) का गठन हुआ है। इन दंगों में अब तक 39 लोग जान गंवा चुके हैं। एसआईटी को लीड करने की जिम्मेदारी डिप्टी पुलिस कमिश्नर राजेश देव और जॉय तिर्की को दी गई है।जामिया और जेएनयू में हुई हिंसा की जांच के चलते बीते दिनों इन दोनों अधिकारियों का नाम सुर्खियों में था। जामिया और जेएनयू में हुई हिंसा की जांच की जिम्मेदारी इन दोनों अधिकारियों के पास थी।

वहीं, राजेश देव की बात करें तो उनका नाम दिल्ली चुनाव को लेकर भी चर्चाओं में रहा है। चुनाव आयोग ने देव से दिल्ली चुनाव की सारी जिम्मेदारियां छीन लीं थी। राजेश देव ने बयान दिया था कि शाहीन बाग के शूटर का संबंध आम आदमी पार्टी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से है। तब चुनाव आयोग ने कहा था कि देव के बयान से निष्पक्ष चुनाव कराने पर असर पड़ेगा।

चुनाव आयोग ने देव के बयान को लेकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर को एक नोटिस भी जारी किया था।पूर्वी दिल्ली निवासी कपिल बैसला ने शाहीन बाग में महिलाओं के अगुवाई वाले सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान हवा में फायरिंग की थी।फायरिंग की घटना के बाद डीसीपी राज देव ने मीडिया कॉन्फ्रेंस बुलाई थी और संवाददाताओं को बताया था कि बैसला के फोन से जब्त की गई तस्वीरों से पता चला है कि बैसला और उसके पिता गजेंद्र सिंह ने एक साल पहले आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे। भाजपा ने चुनाव प्रचार के दौरान डीसीपी देव के इस दावे को भुनाने की पूरी कोशिश की थी।

डीसीपी देव ने मीडिया को शाहीन बाग फायरिंग के आरोपी बैसला की तरह दिखने वाले युवक की आम आदमी पार्टी नेताओं के साथ ली गई तस्वीर भी साझा की थी। बैसला के पिता ने डीसीपी देव के दावों को खारिज करते हुए कहा था कि उनका बेटा किसी भी सियासी दल का हिस्सा नहीं है।

जामिया मामले में पुलिस ने इस महीने की शुरुआत में चार्जशीट दायर की थी। चार्जशीट में दावा किया गया था कि कैंपस में प्रवेश करने के पीछे पुलिस का उद्देश्य "छात्रों की सुरक्षा करना" था। यह भी दावा किया कि भगदड़ और पथराव के कारण छात्रों को चोटें आईं। कुछ दिनों पहले लीक हुए फुटेज में दिखा था कि पुलिस की वर्दी में जवान निर्दयता के साथ क्लासरूम में छात्रों की पिटाई कर रहे हैं।

जेएनयू में भीड़ के हमले के मामले में पुलिस अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं आ पाई है।

Web Title: Two SIT s to probe northeast Delhi violence

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