बकरीद पर कुर्बानी के लिए पौने दो लाख जानवर पहुंचे कश्मीर, हजारों अभी भी रास्ते में फंसे हैं

By सुरेश एस डुग्गर | Published: July 7, 2022 12:40 PM2022-07-07T12:40:59+5:302022-07-07T12:42:41+5:30

कोरोना महामारी और प्रतिबंधों की वजह से पिछले दो साल से जम्मू-कश्मीर में बकरीद फीकी रही। हालांकि इस बार बाजार में रौनक है। कुर्बानी के लिए जानवरों की मांग भी बढ़ी है।

Two and a half lakh animals reached Kashmir on Bakrid, thousands are still stuck on the way | बकरीद पर कुर्बानी के लिए पौने दो लाख जानवर पहुंचे कश्मीर, हजारों अभी भी रास्ते में फंसे हैं

प्रतीकात्मक तस्वीर

जम्मू: कोरोना की दो साल की पाबंदियों के बाद कश्मीर में इस बार बकरीद पर माहौल खुशनुमा कहा जा सकता है। यह इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पिछले एक सप्ताह के भीतर करीब पौने दो लाख जानवर कुर्बानी के लिए कश्मीर पहुंच चुके हैं। हजारों अन्य अभी नेशनल हाईवे पर ट्रकों में इंतजार कर रहे हैं।

ऑल कश्मीर होलसेल मटन डीलर्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी मेहराजुद्दीन गनई ने भी इसकी पुष्टि की है। उनका कहना है कि 800 से अधिक ट्रक कुर्बानी के जानवर लेकर कश्मीर पहुंच चुके हैं। इस बार विभिन्न प्रकार के जो जानवर कश्मीर पहुंचे हैं उनमें मारवाड़ी से लेकर काजूवाला और सीखर से लेकर नवलगढ़ी जैसी नस्लों की भेड़ें और बकरियां भी शामिल हैं।

कुर्बानी के जानवर बेचने वाले एक विक्रेता अब्दुल क्यूम के मुताबिक, मारवाड़ी भेड़ औसत कीमत की मानी जाती है और काजूवाला उससे थोड़ी महंगी। उनका कहना था कि कश्मीरी कुर्बानी के जानवरों के लिए अधिक मूल्य देने का अब तैयार हैं इसलिए ऐसी नस्लें कश्मीर में लाई जा रही हैं।

हालांकि कोरोना के पिछले दो सालों के दौरान बकरीद पर कोई खास बिक्री इसलिए नहीं हो पाई थी क्योंकि पाबंदियों के चलते जीवनयापन मुश्किल हो गया था। पर इस बार ऐसा नहीं है। अब देशभर के विभिन्न इलाकों से करीब 20 से 22 नस्ल के जानवर कश्मीर पहुंच चुके हैं जिनकी बिक्री भी जोरों पर हैं। 

हालांकि 30 जून को अमरनाथ यात्रा शुरू होने के बाद इन जानवरों को बेचने वाले थोड़ी परेशानी में इसलिए थे क्योंकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए सैंकड़ों ट्रकों को राजमार्ग पर रोक दिया गया था और फिर उप राज्यपाल के दखल दिए जाने के उपरांत ही उन्हें कश्मीर के लिए रवाना किया गया। 

अभी भी सैंकड़ों ट्रक राजमार्ग के दोनों ओर अपने गंतव्य तक पहुंचने के इंतजार में हैं। कश्मीर में दो सालों के बाद जिस बकरीद को धूमधाम से मनाने की तैयारियां चल रही हैं उसके प्रति खास बात यह है कि इस बार ऊंट की भी जबरदस्त मांग है। पिछली बार भी कई स्थानों पर ऊंट की कुर्बानी दी गई थी।

Web Title: Two and a half lakh animals reached Kashmir on Bakrid, thousands are still stuck on the way

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