कश्मीर के पत्रकारों को धमकाने के पीछे आतंकवादी मुख्तार बाबा का हाथ, तुर्की में तैयार की सूची
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 18, 2022 07:00 AM2022-11-18T07:00:18+5:302022-11-18T07:12:45+5:30
एक खुफिया दस्तावेज से यह जानकारी मिली। लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) द्वारा धमकी दिए जाने के बाद हाल में कई पत्रकारों ने स्थानीय अखबारों व पत्रिकाओं से इस्तीफा दे दिया।
जम्मूः पिछले कुछ दिनों में घाटी में कई पत्रकारों को मिली धमकियों के पीछे तुर्की के आतंकवादी मुख्तार बाबा और जम्मू कश्मीर में उसके छह सहयोगियों का हाथ होने का संदेह है। पत्रकारों की हिट लिस्ट तुर्की में तैयार की गई थी। जिसमें कश्मीर के कुछ पत्रकारों ने मदद की थी। एक खुफिया दस्तावेज से यह जानकारी मिली। लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) द्वारा धमकी दिए जाने के बाद हाल में कई पत्रकारों ने स्थानीय अखबारों व पत्रिकाओं से इस्तीफा दे दिया।
खुफिया दस्तावेज के अनुसार, ‘‘शुरुआती आकलन से पता चलता है कि धमकियों के पीछे आतंकवादी मुख्तार बाबा का हाथ है।’’ मुख्तार बाबा (55) कश्मीर के विभिन्न अखबारों के लिए काम करता था। वह 1990 के दशक में श्रीनगर का निवासी था और माना जाता है कि वह तुर्की भाग गया था।
दस्तावेज में कहा गया है कि अक्सर पाकिस्तान की यात्रा करने वाला बाबा घाटी में युवाओं को टीआरएफ में शामिल होने के लिए ‘प्रेरित’ करने वाला मास्टरमाइंड है। बाबा के घाटी में अपने छह सहयोगियों के संपर्क में होने का संदेह है और उनमें से दो की पहचान कर ली गई है।
एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार मुख्तार बाबा कभी इस्त्राइल के खिलाफ सक्रिय आतंकी संगठन हिजबुल्ला से भी जुड़ा रहा है। 2018 से मुख्तार बाबा तुर्की के अंकारा में है और लगातार पाकिस्तान जाता रहता है। एजेंसियों के अनुसार मुख्तार बाबा को अंकारा में जगह दिलाने में जर्मनी मूल की अमेरिका महिला जोधा कैरिन फिशर की अहम भूमिका रही है। जोधी कैरिन फिशर आईएस के लिए आठ साल कश्मीर घाटी में रहकर काम कर चुकी है।