Bihar Caste Census: बिहार में जातीय जनगणना कराए जाने के निर्णय का श्रेय लेने की मची होड़, राजद और भाजपा के बीच छिड़ा सियासी युद्ध
By एस पी सिन्हा | Published: June 2, 2022 09:15 PM2022-06-02T21:15:19+5:302022-06-02T21:17:24+5:30
दोनों पार्टी के बीच सोशल मीडिया पर वार पलटवार हो रहा है। मुख्यमंत्री के इस फैसले को तेजस्वी ने राजद की जीत बताया है। ऐसे में राजद ने इसको लेकर भाजपा पर निशाना साधा है।
पटना: बिहार में जाति आधारित जनगणना कराने को लेकर हुए सर्वदलीय निर्णय के बाद भी इस पर सियासत कम होने का नाम नहीं ले रहा है। अब इसपर भाजपा और राजद में सियासी युद्ध छिड़ गया है। दोनों पार्टी के बीच सोशल मीडिया पर वार पलटवार हो रहा है। मुख्यमंत्री के इस फैसले को तेजस्वी ने राजद की जीत बताया है। ऐसे में राजद ने इसको लेकर भाजपा पर निशाना साधा है।
राजद ने अपने ट्विटर हैंडल से बिहार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल की एक तस्वीर शेयर करते हुए कहा कि 'प्रवचन देने वाले महानुभाव भी हार कर जातिगत जनगणना पर सहमति जताने बैठे थे। इस पर भाजपा ने भी पलटवार किया है। भाजपा ने ट्विटर पर तेजस्वी की एक तस्वीर शेयर करते हुए कहा कि 'जातिगत जनगणना के नाम पर छाती कूट रहे 'युवराज' पलटी मारकर सर्व की बात करने लगे है।'
इस बीच तेजस्वी यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा है कि झुकती है दुनिया, झुकाने वाला चाहिए। उन्होंने लिखा है कि हमने इन्हें अल्टीमेटम देकर आंदोलन करने की घोषणा की। आखिरकार भाजपा बाध्य हुई और बिहार में उसे हमारे विचार के साथ खड़े होकर समर्थन करना पड़ा। लेकिन भाजपा दूसरे राज्यों और देश में जाति आधारित गणना के विरूद्ध है। है न अदभुत!।
तेजस्वी ने एक अन्य ट्वीट में लिखा है कि 2011 के सामाजिक, आर्थिक व जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट भाजपा सरकार ने सार्वजनिक नहीं की। उसके बाद से धरना-प्रदर्शन इत्यादि के जरिए हमारा संघर्ष अनवरत जारी रहा। विधानसभा से दो बार प्रस्ताव पारित कराया गया। प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री से मिला। हमने सभी दलों को पत्र लिखा। फिर भी भाजपा ने इंकार किया।
वहीं, राजद ने अपने ट्वीट में लिखा है कि "जाति सिर्फ़ दो ही हैं- अमीर व गरीब!" ऐसा प्रवचन देने वाले महानुभाव भी हार कर जातिगत जनगणना पर सहमति जताने बैठे थे।'
इस बीच, भाजपा की ओर से भी पलटवार करते हुए कहा गया है कि राजद लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, तेजस्वी, तेजप्रताप और मीसा भारती से आगे बढ़ ही नहीं पा रही है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने पलटवार करते हुए कहा कि तेजस्वी यह बताएं कि 2011 में जाति जनगणना कराई गई थी। लेकिन उसका प्रकाशन नहीं किया गया। आखिर उसका प्रकाशन क्यों नहीं करवाया गया? तब उनकी पार्टी की इच्छा कैसी थी?
उन्होंने कहा कि जाति जनगणना के सवाल पर भाजपा ने बिहार के दोनों सदनों में अपनी सहमति दी थी। प्रधानमंत्री से मिलने की बारी आई तो साथ में भाजपा भी गई थी। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि तेजस्वी बात ए-टू-जेड की करते हैं और परिवारवाद से निकल नहीं पा रहे हैं।’जातिगत जनगणना' के नाम पर छाती कूट रहे 'युवराज' पलटी मार कर अब 'सर्वे' की बात करने लगे हैं। 'परिवार' की अकूत संपत्ति और बढ़ाने के चक्कर में दुबले हो रहे लोग, भला 'गरीबों के विकास' की चिंता क्यों करेंगे?
बता दें कि बिहार में जातिगत जनगणना का रास्ता साफ हो गया। बिहार में जातिगत जनगणना कराने को लेकर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में जातीय आधारित जनगणना होगी। नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में सभी धर्मों की जातियों और उपजातियों की भी गिनती होगी। उन्होंने कहा कि जाति के साथ ही सभी धर्मों के लोगों की भी गिनती की जाएगी।