अग्निपथ योजना के कारण लगी आग के बीच झुलसने लगे हैं भाजपा और जदयू के रिश्ते, दोनों ओर से शुरू है जुबानी जंग
By एस पी सिन्हा | Published: June 19, 2022 05:52 PM2022-06-19T17:52:37+5:302022-06-19T17:52:37+5:30
भाजपा नेताओं के हमले से तिलमिलाये जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि यूपी में उपद्रव के बाद बुलडोजर का ब्रेक फेल हो गया या ड्राईवर भाग गया?
पटना: अग्निपथ योजना को लेकर भड़की आग से जदयू और भाजपा के रिश्ते में भी धुआं दिखाई देने लगा है। ललन सिंह और संजय जायसवाल के बीच शुरू हुई जुबानी जंग के बीच दोनों दलों में तनातनी चरम पर पहुंच गई है। अग्निपथ योजना को लेकर हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन पर भाजपा ने नीतीश कुमार की पार्टी जदयू और उनके गृह विभाग पर आरोप लगाया, उससे तो साफ जाहिर हो जाता है कि एनडीए में अंदर ही अंदर क्या कुछ चल रहा है।
अब एकबार फिर से भाजपा ने भी बिना नाम लिए बगैर ललन सिंह पर हमला बोला है। भाजपा ने कहा है कि जिन नेताओं को समझ की कमी है वे अपना दिमागी इलाज करा लें। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ रामसागर सिंह ने कहा कि अग्निपथ योजना सेना की है और जवाब भाजपा से मांग रहे हैं। भाजपा से जवाब मांगने वाले नेताओं को सेना की प्रेस वार्ता के बाद बात समझ में आ गई होगी।
सेना ने साफ कहा है कि 1989 से ही इस योजना पर विचार किया जा रहा था। देश की सुरक्षा के लिए दो साल पहले से योजना बनाने की गति को तेज किया गया था। जिन नेताओं को इतनी सी बात समझ में नहीं आ रही, वैसे नेता अपना दिमाग का इलाज करवा लें।
प्रवक्ता ने ललन सिंह पर राजनीतिक प्रहार करते हुए कहा कि अपराधी और अधिकारी के नेता को जन नेता की बात नही समझ में आयेगी। डॉ राम सागर सिंह ने कहा कि नेताओं को बयान देने से पहले दिल से नही दिमाग से काम लेना चाहिए। अगर दिमाग पास में नही हो तो सहयोगी से उधार लेकर काम करना चाहिए।
वहीं, भाजपा प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा है कि जिनका जो चरित्र वह अपना काम करता रहेगा। उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर उनकी तुलना मंथरा से की। उन्होंने कहा कि मंथरा जहां जाएगी, उसका चरित्र उजागर होगा। यहां भी मंथरा आ गया है। ऐसे मंथरा से बचने की जरुरत है। इसके साथ ही उन्होंने जदयू के एक नेता की तुलना बिच्छू से की है। जबकि भाजपा को साधू बताया है।
भाजपा ने साफ कहा है कि सुनियोजित साजिश के तहत उपद्रव कराया गया। पुलिस-प्रशासन ने ड्यूटी का निर्वहन नहीं किया। बिहार पुलिस से अपने आप को असुरक्षित भाजपा नेताओं ने केंद्र सरकार से मदद मांगी। इसके बाद गृह मंत्रालय ने बिहार भाजपा के 10 नेताओं को सीआरपीएफ की वाई श्रेणी की सुरक्षा दी है। अपनी ही सरकार में हो रही बेइज्जती से भाजपा काफी गुस्से में है।
आज बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई। बैठक में कुछ नेताओं ने साफ कहा कि हमलोग सरकार में हैं या विपक्ष में, यह पता ही नहीं चल रहा। मेरी बदौलत बिहार सरकार चल रही। उसी सरकार में हम और हमारे नेता सुरक्षित नहीं हैं। बैठक में दो सांसदों ने कई गंभीर सवाल खड़े किये। भाजपा सांसद ने यहां तक कहा कि गाली भी सुनेंगे और ताना भी फिर भी पंच-सरपंच रहेंगे?
भाजपा नेताओं के हमले से तिलमिलाये जदयू के प्रवक्ता व विधान पार्षद नीरज कुमार ने कहा कि यूपी में उपद्रव के बाद बुलडोजर का ब्रेक फेल हो गया या ड्राईवर भाग गया? बुलडोजर संस्कृति उत्तर प्रदेश में क्यों नहीं चल पाया? भाजपा नेताओं को इसका जवाब देना चाहिए।
उन्होंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल पर हमला बोलते हुए कहा कि वे दल के प्रदेश अध्यक्ष हैं। मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। वे अगर जिम्मेवारी तय करना चाह रहे हैं तो आरपीएफ किसका है? आरपीएफ एक्ट क्या कहता है? आरपीएफ की जिम्मेवारी क्या बन रही है? जिम्मेदारी एक दूसरे पर थोप कर मूल समस्या से हटना नहीं चाहिए।
उन्होंने कहा कि मूल समस्या यह है कि युवाओं के मन में क्यों यह भाव पैदा हुआ? रोजगार के सवाल पर युवाओं के मन में कुंठा कैसे पैदा हुआ? उन युवाओं से बात करनी चाहिए। विधान पार्षद नीरज कुमार ने कहा कि अग्निपथ के नियमों में लगातार संशोधन कर रहे हैं? अगर सब कुछ ठीक ही था तो फिर संशोधन की जरूरत क्यों पड़ी? लोकतंत्र में संवाद से बेहतर कोई चीज नहीं होती है। हम लोगों से पूछ कर के नियम लाए थे क्या? आप युवाओं से विचार करिए।