'इस संघर्ष में, सत्य मेरा अस्त्र है और सत्य ही मेरा आसरा,' कोर्ट से जमानत मिलने के बाद राहुल गांधी ने किया ट्वीट
By रुस्तम राणा | Updated: April 3, 2023 17:34 IST2023-04-03T17:31:50+5:302023-04-03T17:34:45+5:30
राहुल गांधी ने हिन्दी में ट्वीट किया, "यह 'मित्रकाल' के खिलाफ, लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है। इस संघर्ष में, सत्य मेरा हथियार है, और सत्य ही मेरा आसरा!"

'इस संघर्ष में, सत्य मेरा अस्त्र है और सत्य ही मेरा आसरा,' कोर्ट से जमानत मिलने के बाद राहुल गांधी ने किया ट्वीट
नई दिल्ली:कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मानहानि के मामले में सोमवार को सूरत की सत्र अदालत से जमानत मिल गई। जमानत मिलने के बाद कांग्रेस नेता ने ट्वीट कर यह कहा कि इस संघर्ष में सत्य ही उनका हथियार है।
राहुल गांधी ने हिन्दी में ट्वीट किया, "यह 'मित्रकाल' के खिलाफ, लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है। इस संघर्ष में, सत्य मेरा हथियार है, और सत्य ही मेरा आसरा!" यहां मित्रकाल से उनका आशय पीएम मोदी और क्रोनी कैपिटलिस्टों के बीच मित्रता से है। कांग्रेस यह आरोप लगाती रही है कि मोदी सरकार उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए काम कर रही है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मानहानि केस में जमानत देने के साथ-साथ कोर्ट ने उनकी दो साल की जेल की सजा पर तब तक के लिए रोक लगा दी गई जब तक कि अदालत सूरत के सीजेएम कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी अपील पर फैसला नहीं ले लेती है।
मामले में अब अगली सुनवाई 13 अप्रैल को है। गांधी को दी गई दो साल की जेल की सजा के कारण संसद से उनकी सदस्यता को भी अयोग्य ठहरा दिया गया है। इसके अलावा दिल्ली में सरकार द्वारा आवंटित लुटियन बंगले को उनसे खाली करने को कहा गया है।
ये ‘मित्रकाल’ के विरुद्ध, लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 3, 2023
इस संघर्ष में, सत्य मेरा अस्त्र है, और सत्य ही मेरा आसरा! pic.twitter.com/SYxC8yfc1M
गौरतलब है कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने अपने एक भाषण में मोदी सरनेम पर निशाना साधते हुए कहा था, "सभी चोरों का एक ही उपनाम मोदी कैसे होता है?" इसे अन्य पिछड़ा वर्ग के अपमान के रूप में देखा गया, जो उस उपनाम को साझा करते हैं, और भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ पुलिस मामला दर्ज किया।
इस मामले में कोर्ट ने उन्हें 23 मार्च को 2 साल की सजा सुनाई थी। साथ ही उनकी सजा पर एक माह तक रोक भी लगा दी थी ताकि कांग्रेस नेता इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दे सके। सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के आधार पर लोकसभा स्पीकर ने उन्हें अयोग्य करार दिया था।