TRP घोटाला मामला: रिपब्लिक TV को राहत नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- किसी भी आम नागरिक की तरह पहले HC जाइए

By स्वाति सिंह | Updated: October 15, 2020 14:09 IST2020-10-15T12:56:41+5:302020-10-15T14:09:50+5:30

कथित फर्जी टीआरपी घोटाला तब प्रकाश में आया जब रेटिंग्स एजेंसी ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (बीएआरसी) ने ‘हंसा रिसर्च ग्रुप’ के जरिए शिकायत दर्ज कराकर आरोप लगाया कि कुछ टीवी चैनल टीआरपी की संख्या में हेरफेर कर रहे हैं।

TRP scam case: no relief to Republic TV, Supreme Court said - go to HC first like any ordinary citizen | TRP घोटाला मामला: रिपब्लिक TV को राहत नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- किसी भी आम नागरिक की तरह पहले HC जाइए

पुलिस ने ‘फक्त मराठी’ और ‘बॉक्स सिनेमा’ के मालिकों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है।

Highlightsसुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को टीआरपी घोटाले मामले में रिपब्लिक टीवी की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को बॉम्बे हाईकोर्ट जाने को कहा है।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को रिपब्लिक मीडिया ग्रुप से मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट्स (टीआरपी) घोटाला मामले में बम्बई उच्च न्यायालय के पास जाने को कहा। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी की पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान काम करता रहा है और मीडिया समूह को उसके पास जाना चाहिए, क्योंकि उसका कार्यालय वर्ली में है।

मीडिया हाउस के लिए पेश हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने जारी जांच को लेकर संशय जताते हुए कहा, ‘‘हाल के दिनो में आयुक्तों के साक्षात्कार देने का चलन देखा जा रहा है।’’ मुंबई पुलिस ने टीआरपी घोटाले के संबंध में एक मामला दर्ज किया है और जांच के लिए रिपब्लिक टीवी के मुख्य वित्तीय अधिकारी एस सुंदरम को सम्मन जारी किया है। पुलिस ने ‘फक्त मराठी’ और ‘बॉक्स सिनेमा’ के मालिकों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है। रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के मालिकाना हक वाले आर्ग आउटलाइयर मीडिया प्राइवेट लिमिटेड ने न्यायालय में यह याचिका दायर की है।

मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक मीडिया ग्रुप पर लगाए थे ये आरोप 

मुंबई पुलिस के अनुसार, कुछ चैनल्‍स सिस्‍टम में सेंध लगाकर रेटिंग्‍स में फर्जीवाड़ा कर रहे थे। जिन घरों में टीआरपी के मीटर लगे होते थे, उन्‍हें पैसे देकर अपना चैनल ऑन करके छोड़ने को कहा जाता था। इससे BARC की वीकली रेटिंग्‍स पर खासा असर पड़ता था। हालांकि जिन चैनल्‍स का नाम इसमें आया, उन्‍होंने ऐसा कुछ करने से साफ इनकार किया और पुलिस पर उन्‍हें फंसाने का आरोप लगाया।

दो वरिष्ठ संपादक पुलिस के समक्ष पेश हुए

रिपब्लिक टीवी के कार्यकारी संपादक निरंजन नारायणस्वामी और वरिष्ठ कार्यकारी संपादक अभिषेक कपूर फर्जी टीआरपी मामले में अपने बयान दर्ज कराने के लिए बुधवार को मुंबई पुलिस की अपराध शाखा के समक्ष पेश हुए। अपराध शाखा के एक अधिकारी ने बताया कि नारायणस्वामी दोपहर 12 बजे अपराध खुफिया इकाई के दफ्तर पहुंचे और बयान दर्ज कराने के बाद शाम साढे़ सात बजे के करीब बाहर निकले। अधिकारी ने बताया कि कपूर करीब चार बजे वहां पहुंचे। वह दिल्ली में रहते हैं लेकिन उनका बयान दर्ज नहीं हो सका और कपूर को बृहस्पतिवार को आने को कहा गया है।

Web Title: TRP scam case: no relief to Republic TV, Supreme Court said - go to HC first like any ordinary citizen

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