लालू यादव की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, सीबीआई चारा घाटले मामले में सजा की अवधि बढ़ाने के लिए कर रही है प्रयास
By एस पी सिन्हा | Published: February 22, 2022 04:37 PM2022-02-22T16:37:26+5:302022-02-22T16:41:15+5:30
सीबीआई की ओर से रांची हाईकोर्ट में दाखिल की गई याचिका में कहा गया है कि चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव समेत अन्य दोषियों ने गंभीर षड्यंत्र का प्रयास किया है, ऐसे में सजा भी सबके लिए समान होनी चाहिए। सीबीआई ने कोर्ट से इस मामले में लालू यादव समेत छह अन्य आरोपियों को कम से कम 7 साल की सजा देने की मांग की है।
रांची: झारखंड में चारा घोटाला के सभी पांच मामलों में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को सजा दिलाने के बाद सीबीआई अब उनकी सजा को बढ़वाने के प्रयास में जुट गई है।
चारा घोटाले के देवघर कोषागार के अवैध निकासी के मामले में लालू प्रसाद यादव को सीबीआई कोर्ट से मिली साढे़ तीन साल की सजा की अवधि बढ़ाने का मामला झारखंड हाईकोर्ट में अभी भी लंबित है। अगर इस मामले में सुनवाई होती है तो एक बार फिर लालू यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
इस मामले में सीबीआई की ओर से रांची हाईकोर्ट में दाखिल की गई याचिका में कहा गया है कि चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव समेत अन्य दोषियों ने गंभीर षड्यंत्र का प्रयास किया है, ऐसे में सजा भी सबके लिए समान होनी चाहिए। सीबीआई ने कोर्ट से इस मामले में लालू यादव समेत छह अन्य आरोपियों को कम से कम 7 साल की सजा देने की मांग की है।
सीबीआई की इस याचिका पर रांची हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू नहीं हुई है। इससे पहले के बाकी चार मामलों में लालू यादव को चाईबासा कोषागार के दो अलग-अलग मामलों में सात-सात साल, दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में पांच साल और देवघर कोषागार से अवैध निकासी के मामले में चार-चार साल की सजा सुनाई गई।
चारों मामलों में लालू यादव ने जेल में रहकर पचास फीसदी सजा पूरी कर ली है। लेकिन डोरंडा मामले में लालू यादव को पांच साल की सजा सुनाए जाने के बाद एक बार फिर यह मुद्दा उठ रहा है।
सीबीआई कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव समेत मामले के अन्य आरोपी आरके राणा, बेक जूलियस, महेश प्रसाद, फूलचंद सिंह और सुबीर कुमार भट्टाचार्य को साढे़ तीन साल की सजा सुनाई है। जबकि एक आरोपी जगदीश शर्मा को इसी मामले में सात साल की सजा दी है।
मालूम हो कि डोरंडा कोषागार मामला चारा घोटाला के उन पांच मामलों में से आखिरी था, जिसमें लालू यादव को सबसे आखिर में सजा मिली है। डोरंडा कोषागार मामले में स्पेशल सीबीआई जज सीके शशि ने 15 फरवरी को लालू प्रसाद यादव को दोषी ठहराया था।
इस मामले में पहली बार साल 1996 में रांची के डोरंडा थाने में गबन का केस दर्ज कराया गया था। जब इस मामले में शोर बढ़ने लगा तो सीबीआई ने इस केस को अपने हाथों में ले लिया।