त्रिपुरा पुलिस के अनुरोध के बाद 24 ट्विटर अकाउंट बंद, 57 ट्वीट डिलीट, कई अकाउंट भाजपा और उनकी विचारधारा के आलोचक

By विशाल कुमार | Updated: November 18, 2021 08:20 IST2021-11-18T08:16:02+5:302021-11-18T08:20:54+5:30

त्रिपुरा पुलिस ने 102 सोशल मीडिया यूजरों के खिलाफ यूएपीए, आपराधिक साजिश रचने और फर्जीवाड़ा करने के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया था। इसके अलावा, ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब के अधिकारियों को नोटिस जारी कर उनके अकाउंट को बंद करने तथा उन लोगों की सभी सामग्री से अवगत कराने को कहा था।

tripura violence police twitter social media user uapa | त्रिपुरा पुलिस के अनुरोध के बाद 24 ट्विटर अकाउंट बंद, 57 ट्वीट डिलीट, कई अकाउंट भाजपा और उनकी विचारधारा के आलोचक

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब. (फाइल फोटो)

Highlightsत्रिपुरा पुलिस ने ट्विटर से 68 अकाउंट को बंद करने के लिए कहा था।दो हफ्ते बाद 24 अकाउंट बंद, 57 ट्वीट डिलीट पाए गए।कई हैंडल भाजपा, उसके नेताओं और उनकी विचारधारा के आलोचक रहे हैं।

अगरतला:त्रिपुरा में हुए हालिया सांप्रदायिक हिंसा के बाद पुलिस ने ट्विटर से जिन 68 अकाउंट को बंद करने के लिए कहा था, दो हफ्तों बाद उनमें से 24 अकाउंट को बंद कर दिया गया है जबकि 57 ट्वीट को डिलीट कर दिया गया. 57 ट्वीट में से 23 को कानूनी कारणों से भारत में दिखाई देने पर पाबंदी लगा दी गई है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बंद किए गए अकाउंट में से अधिकतर के फॉलोवर की संख्या बहुत कम है. आठ अकाउंट के 10 से भी कम फॉलोवर हैं, 17 के 100 से कम फॉलोवर हैं और 21 के 1000 से कम फॉलोवर हैं. हालांकि, 12 अकाउंट के 10 हजार से अधिक फॉलोवर हैं।

इनमें से कई हैंडल भाजपा, उसके नेताओं और उनकी विचारधारा के आलोचक रहे हैं। अकाउंट की जांच से पता चला कि 9 यूजरों ने खुद को पत्रकार, 7 राजनीतिक कार्यकर्ता, 5 छात्र, 2 कार्यकर्ता, जबकि 7 धार्मिक संगठनों से संबद्ध थे। कई प्रोफाइल में कोई व्यक्तिगत विवरण नहीं था।

अकाउंट में वे लोग भी शामिल हैं जो कांग्रेस, युवा कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, एआईएमआईएम और भारतीय इंसान पार्टी (बीआईपी) के सदस्य होने का दावा करते हैं।

102 सोशल मीडिया यूजरों के खिलाफ लगाया यूएपीए 

बता दें कि, त्रिपुरा पुलिस ने 102 सोशल मीडिया यूजरों के खिलाफ यूएपीए, आपराधिक साजिश रचने और फर्जीवाड़ा करने के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया था। 

इसके अलावा, ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब के अधिकारियों को नोटिस जारी कर उनके अकाउंट को बंद करने तथा उन लोगों की सभी सामग्री से अवगत कराने को कहा था।

त्रिपुरा पुलिस ने राज्य में मुसलमानों को निशाना बनाकर हुई हिंसा के संबंध में सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर कथित रूप से साम्प्रदायिक वैमनस्य फैलाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के चार वकीलों के खिलाफ कठोर कानून और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

हालांकि, इसमें से दो वकील और एक पत्रकार को कल सुप्रीम कोर्ट ने राहत दे दी और पुलिस पर उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न करने का निर्देश दिया है. इससे पहले दो पत्रकारों को त्रिपुरा की छवि खराब करने के लिए असम से गिरफ्तार किया गया था लेकिन स्थानीय अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी.

 क्या है मामला?

राज्य सरकार ने 29 अक्टूबर को आरोप लगाया था कि बाहर से आए निहित स्वार्थ वाले एक समूह ने 26 अक्टूबर की घटना के बाद सोशल मीडिया पर जलती हुई एक मस्जिद की फर्जी तस्वीरें अपलोड करके त्रिपुरा में अशांति पैदा करने और प्रशासन की छवि खराब करने के लिए साजिश रची।

गौरतलब है कि पड़ोसी बांग्लादेश में साम्प्रदायिक हिंसा के विरोध में विश्व हिंदू परिषद द्वारा निकाली गयी रैली के दौरान 26 अक्टूबर को चमटीला में कथित तौर पर एक मस्जिद में तोड़फोड़ की गयी और दो दुकानों में आग लगा दी गई थी।

वहीं निकट के रोवा बाजार में भी उन तीन घरों और कुछ दुकानों को भी क्षति पहुंचाई गई थी, जिसका स्वामित्व कथित तौर पर मुस्लिम समुदाय से संबंध रखने वाले व्यक्ति के पास है।

Web Title: tripura violence police twitter social media user uapa

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