नई दिल्ली:त्रिपुरा में सत्ताधारी भाजपा की सहयोगी इंडीजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी), विपक्षी तिपरा मोथा और कई अन्य समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ मिलकर 14 नवंबर को दिल्ली में एक अलग राज्य तिपरालैंड की मांग करेगी. आईपीएफटी के मंगल देबबर्मा ने इसकी जानकारी दी.
बता दें कि, त्रिपुरा में विधानसभा चुनावों में दो साल से भी कम समय बचा है और ऐसे में क्षेत्रीय स्वेदशी पार्टियां तिपरालैंड की मांग को लेकर एकजुट होती जा रही हैं.
पिछले महीने अगरतला में चार घंटे की लंबी चर्चा के बाद कुल आठ अलग-अलग स्वदेशी संगठनों ने अलग राज्य की अपनी मांगों और अन्य मुद्दों पर दबाव बनाने के लिए एक संयुक्त आंदोलन समिति का गठन करने का फैसला किया था.
आईपीएफटी का गठन 1997 में हुआ था, लेकिन 2001 में निष्क्रिय हो गया था. बाद में पार्टी के मौजूदा अध्यक्ष एनसी देबबर्मा ने 2009 में तिपरालैंड की अलग राज्य की मांग को मुख्य एजेंडा के रूप में रखते हुए इसे पुनर्जीवित किया.
साल 2018 में भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ते हुए इसने दो दशक से सत्ता में काबिज वामदलों की सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया. 60 सदस्यों वाले विधानसभा में आईपीएफटी के आठ विधायक हैं.
वहीं, साल 2019 में कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद शाही वंशज प्रद्योत किशोर देबबर्मा ने इस साल अपनी पार्टी तिपरा मोथा बनाई.