तीन तलाक विधेयक लोकसभा में पारित, दोषी पति को तीन साल जेल का प्रावधान

By रामदीप मिश्रा | Published: December 28, 2017 07:26 PM2017-12-28T19:26:40+5:302017-12-28T20:09:50+5:30

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस विधेयक को ऐतिहासिक बताया और कहा कि यह विधेयक मुस्लिम महिलाओं के लिए लैंगिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए है। 

triple talaq bill passed in Lok Sabha | तीन तलाक विधेयक लोकसभा में पारित, दोषी पति को तीन साल जेल का प्रावधान

ravi shankar prasad

तीन तलाक को आपराधिक करार देने वाला विधेयक गुरुवार (28 दिसंबर) को लोकसभा में पेश किया गया और देर शाम इसे सर्व सहमति से पारित किया हो गया। इस दौरान संसदीय सदस्यों ने अपनी-अपनी राय रखी। साथ ही आज के दिन को कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इसे ऐतिहासिक बताया और कहा कि यह विधेयक मुस्लिम महिलाओं के लिए लैंगिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए है। 

मुस्लिम महिला (विवाह अधिकारों का संरक्षण) विधेयक , 2017 तीन तलाक या मौखिक तलाक को आपराधिक घोषित करने वाले इस विधेयक को सत्ता पक्ष के सभी सदस्यों ने समर्थन किया। 

सभी संशोधन प्रस्ताव हुए खारिज 

दिनभर चली तीखी बहस के बाद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विपक्ष द्वारा विधेयक पर उठाए गए सवालों पर जवाब दिए। इसके बाद संशोधन प्रस्ताव पर वोटिंग शुरू हुई। वोटिंग के दौरान मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक-2017 पर पेश किए गए सभी संशोधन प्रस्ताव खारिज हो गए। इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने विधेयक के पास होने का ऐलान कर दिया।

एक महिला के गरिमा के बारे में विधेयक

इससे पहले केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विधेयक पर चर्चा के दौरान सदन में कहा कि जब बहुत से मुस्लिम देश इस पर प्रतिबंध लगा सकते हैं तो भारत क्यों नहीं? यह धर्म के बारे में नहीं है, यह लैंगिक न्याय व एक महिला के गरिमा के बारे में है। सर्वोच्च न्यायालय ने इसे (एक बार में तीन तलाक को) गैरकानूनी करार दिया है, लेकिन प्रथा अभी भी प्रचलित है। संविधान की मूल संरचना के हिस्से के तौर पर क्या यह हमारी बहनों का मौलिक अधिकार नहीं है?

इन्होंने किया जताया ऐतराज

राष्ट्रीय जनता दल (राजद), ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलिमीन (एआईएमआईएम), भारतीय यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल), बीजू जनता दल के सदस्यों व कुछ दूसरी पार्टियों ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2017 को पेश किए जाने का विरोध किया। हालांकि, कांग्रेस के किसी सदस्य को बोलने की अनुमति नहीं दी गई। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि कांग्रेस ने पहले से इस मुद्दे पर बोलने के लिए नोटिस नहीं दिया था, इसी वजह से इजाजत नहीं दी गई।

सत्ता पक्ष के सभी सदस्यों ने किया समर्थन

विधेयक को ध्वनि मत के बाद पेश किया गया। सत्ता पक्ष के सभी सदस्यों ने विधेयक पेश किए जाने का समर्थन किया। विधेयक तीन तलाक या मौखिक तलाक को आपराधिक घोषित करता है और इसमें तलाक की इस प्रथा का इस्तेमाल करने वाले के खिलाफ अधिकतम तीन साल की जेल व जुर्माने का प्रावधान है। यह मुस्लिम महिलाओं को भरण-पोषण व बच्चे की निगरानी का अधिकार देता है।

'मुस्लिमों के साथ महिला से अन्याय'

एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि विधेयक मूल अधिकारों का उल्लंघन करता है। तीन तलाक पीड़ित महिला के भरण-पोषण के अधिकार के प्रावधान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मौजूदा कानूनी ढांचे में सामंजस्य का आभाव है। विधेयक में कहा गया है कि पति को जेल भेजा जाएगा व इसमें यह भी कहा गया कि वह गुजारा भत्ता देगा...कैसे एक व्यक्ति जो जेल में है वह गुजारा भत्ता देगा? विधेयक पर पर्याप्त सलाह नहीं ली गई है। यह मुस्लिम महिला से अन्याय होगा... एक कानून बनाइए जिसमें दूसरे धर्मों की 20 लाख महिलाओं को जिन्हें त्याग दिया गया, उन्हें न्याय मिले। इसमें हमारी गुजरात की भाभी भी शामिल हैं।

'संविधान की धारा 25 का उल्लंघन'

आईयूएमएल सांसद ई.टी. मोहम्मद बशीर ने कहा कि यह संविधान की धारा 25 का उल्लंघन है, जिसमें अपने धर्म को मानने व उसका प्रचार करने की स्वतंत्रता है। बीजद के नेता भर्तृहरि महताब ने कहा कि विधेयक में बहुत से आतंरिक विरोधाभास हैं। उन्होंने कहा कि इस विधेयक से अदालत में ज्यादा मामले आएंगे। सरकार को विधेयक का मसौदा फिर से बनाना चाहिए। राजद नेता जय प्रकाश नारायण यादव ने कहा कि तीन साल की सजा का प्रावधान अनुचित है और कहा कि यह सामाजिक ताने-बाने को खराब कर सकता है। 

(इनपुटः आएएनएस एजेंसी) 

Web Title: triple talaq bill passed in Lok Sabha

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