जानिए तीन तलाक बिल के संसद में पेश होने की खास बातें
By स्वाति सिंह | Updated: December 28, 2017 09:48 IST2017-12-28T01:53:27+5:302017-12-28T09:48:12+5:30
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद लोकसभा में मुस्लिम वीमन (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज) बिल को पेश करेंगे।

जानिए तीन तलाक बिल के संसद में पेश होने की खास बातें
लोकसभा में तीन तलाक पर बृहस्पतिवार को बिल पेश किया जाएगा। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद लोकसभा में मुस्लिम वीमन (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज) बिल को पेश करेंगे।
इस बिल को गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में अंतरमंत्रालयी समूह की बैठक में तैयार किया गया है, जो तलाक-ए-बिद्दत को गैर-कानूनी करार देता है। मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण नाम के बिल को कैबिनेट ने पहले ही मंजूरी दे दी हैं।
कांग्रेस कर सकती है समर्थन
विपक्ष सरकारी बिल का संसद में साथ दे सकती है। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में बुधवार देर रात कांग्रेसियों इस मुद्दे पर बैठक की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस भी इस बिल का साथ दे सकती है। पार्टी राहुल गांधी की अध्यक्षता में बुधवार देर रात पार्टी ने इस मुद्दे पर बैठक की जिसमे वह तीन तलाक बिल के पक्ष में दिखी।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को नापसंद
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस बिल को महिला विरोधी बताया है। लखनऊ में इस मामले में पर्सनल लॉ बोर्ड की वर्किंग कमेटी की बैठक हुई थी। कई घंटों चली बैठक के बाद बोर्ड ने इस बिल को खारिज करने का निर्णय लिया। साथ ही तीन साल की सजा देने वाले प्रस्ताव को क्रिमिनल एक्ट करार दिया। बोर्ड की मीटिंग में तीन तलाक पर कानून को महिलाओं की आजादी में दखल कहा गया।
क्या है ये बिल
इस बिल के कानून बनने के बाद कोई भी मुस्लिम पति अगर अपनी पत्नी को तीन तलाक देगा तो वो गैर-कानूनी होगा। हालांकि इंस्टेंट तलाक यानी तलाक-ए-बिद्दत को गैर-कानूनी माना जाएगा। बिल में दिए गए प्रावधानों के मुताबकि बोलकर, लिखकर, मैसेज करके या किसी भी रूप में दिया गया तीन तलाक अवैध माना जाएगा और ऐसा करने पर दोषी के खिलाफ न सिर्फ कानूनी कार्रवाई बल्कि तीन साल तक की सजा जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।
इस बिल के मुताबिक तीन तलाक देना गैर-जमानती अपराध होगा। यदि कोई ऐसा अपराध करता है तो न्यायधीश तय करेंगे कि अपराधी को कितना जुर्माना देना होगा। गौरतलब है कि बीती 22 अगस्त सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए तीन तलाक को गैर कानूनी करार दिया था।