नयी दिल्ली, 12 मार्च तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर नंदीग्राम में हुए कथित हमले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की। पार्टी ने यह यह भी दावा किया कि यह कोई ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण घटना’’ नहीं , बल्कि साजिश थी।
तृणमूल कांग्रेस के छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग की पूरी टीम से मुलाकात की, जिसमें मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा भी शामिल थे। एक घंटे से भी अधिक समय तक चली मुलाकात में तृणमूल के नेताओं ने आयोग को एक ज्ञापन भी सौंपा। ज्ञापन में इस बात पर जोर दिया गया है कि किस प्रकार से पश्चिम बंगाल में भाजपा नेताओं ने ट्वीट और बयानों के जरिए मुख्यमंत्री को कथित धमकी दी थी।
निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मुलाकात के बाद तृणमूल सांसद सौगत रॉय ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नंदीग्राम में चोटिल होना ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण घटना’’ का परिणाम नहीं है, बल्कि साजिश है। घटनाएं दिखाती हैं कि ये हमला गहरी साजिश का हिस्सा है।’’
तृणमूल ने अपने ज्ञापन में विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम से भाजपा के उम्मीदवार शुभेन्दु अधिकारी पर आरोप लगाए हैं।
ज्ञापन में कहा गया है कि, ‘‘बनर्जी पर जानलेवा हमला किया गया, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गयीं। उसे ढंकने के लिए फर्जी प्रत्यक्षदर्शियों को आगे लाया गया। प्रत्यक्षदर्शी चितरंजन दास और देवव्रत दास ने कहा कि बनर्जी की कार एक लोहे के खंभे से टकरा गई। ये गवाह शुभेन्दु अधिकारी से जुड़े हुए हैं।’’
पार्टी ने कहा कि भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने एक कार्टून अपलोड किया, जिसमें कहा गया था कि उनको(ममता) नंदीग्राम में जवाब मिलेगा। उसी समय भगवा पार्टी द्वारा चुनाव आयोग में कई शिकायतें की गईं, जिसमें पश्चिम बंगाल के पुलिस प्रमुख एवं महानिरीक्षक को तुरंत हटाने की मांग की गई।
तृणमूल कांग्रेस ने अन्य नेताओं की इसी तरह की घटनाओं का भी जिक्र किया।
ज्ञापन में कहा गया, ‘‘दिलीप घोष द्वारा फेसबुक पर की गयी पोस्ट और पुलिस महानिदेशक को हटाने के लिए की गई कई शिकायतों में साफ सबंध है, निर्वाचन आयोग द्वारा पुलिस अधिकारी को हटाने का एकतरफा फैसला, इस योजना का खुलासा सौमित्र खान ने कर दिया था। भाजपा ने ममता बनर्जी की व्यक्तिगत सुरक्षा में लगे अधिकारियों को निलंबित करने या हटाने का अनुरोध किया था, जिसका नतीजा रहा कि ममता बनर्जी को मारने की कोशिश की गई और जिसको ढंकने का अधिकारी ने प्रयास किया।’’
तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने दस्तावेज भी ज्ञापन के साथ सौंपे जिनमें अनुवाद किए गए भाजपा नेताओं के ट्वीट और ममता बनर्जी की कार की तस्वीर शामिल है।
ज्ञापन में कहा गया, ‘‘तृणमूल अध्यक्ष की कार पर एक खरोंच भी नहीं थी जो उस झूठ को बेनकाब कर देती है कि कार सड़क पर लोहे के खंभे से टकराई थी।’’
ज्ञापन में कहा गया, ‘‘ इस संदर्भ में हम,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सात मार्च को ‘ब्रिगेड चला रैली’ में की गई दुर्भाग्यपूर्ण टिप्पणी का भी उल्लेख करना चाहेंगे जिसमें उन्होंने कहा था, ‘‘अगर नंदीग्राम में स्कूटी गिरने का फैसला करें तो हम क्या कर सकते हैं?’’
तृणमूल कांग्रेस नेताओं के प्रतिनिधिमंडल द्वारा पश्चिम बंगाल में निर्वाचन अधिकारियों से मुलाकात के बाद निर्वाचन आयोग ने बृहस्पतिवार को कठोर शब्दों का प्रयोग करते हुए पार्टी को उसके ज्ञापन के जवाब में पत्र लिखा था। आयोग ने कहा था कि ‘ एक पार्टी विशेष’ के इशारे पर निर्वाचन आयोग द्वारा राज्य में कार्य करने के आरोप का ‘जवाब देना भी असम्मानजनक’ लगता है।
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