वन संसाधनों के प्रबंधन के लिये जनजातीय समुदाय को और शक्तियां मिलेंगी

By भाषा | Published: July 5, 2021 08:02 PM2021-07-05T20:02:28+5:302021-07-05T20:02:28+5:30

Tribal community will get more powers to manage forest resources | वन संसाधनों के प्रबंधन के लिये जनजातीय समुदाय को और शक्तियां मिलेंगी

वन संसाधनों के प्रबंधन के लिये जनजातीय समुदाय को और शक्तियां मिलेंगी

नयी दिल्ली, पांच जुलाई केंद्रीय पर्यावरण और जनजातीय मामलों के मंत्रालयों ने संयुक्त रूप से फैसला किया है कि वन संसाधनों के प्रबंधन में जनजातीय समुदाय को और शक्तियां दी जाएंगी।

एक आधिकारिक बयान में पर्यावरण मंत्रालय ने कहा कि इस आशय के एक “संयुक्त संवाद” पर मंगलवार को यहां इंदिरा पर्यावरण भवन में हस्ताक्षर किया जाना है।

यह अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006, जिसे आम तौर पर वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) के तौर पर जाना जाता है, के प्रभावी क्रियान्वयन से संबंधित है।

अधिनियम वन में रहने वाली ऐसी अनुसूचित जनजातियों (एफडीएसटी) और अन्य परंपरागत वन वासियों (ओटीएफडी) के वन अधिकारों और वन भूमि पर कब्जे को मान्यता देता है, जो पीढ़ियों से जंगलों में रह रहे हैं, लेकिन जिनके अधिकारों को दर्ज नहीं किया जा सकता है और इसके साथ ही यह एक ऐसी रूपरेखा प्रदान करता है, जिसके तहत इस प्रकार निहित वन अधिकारों को दर्ज किया जा सके।

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि हस्ताक्षर समारोह में पर्यावरण एवं वन सचिव रामेश्वर प्रसाद गुप्ता, जनजाति मामलों के सचिव अनिल कुमार झा और सभी राज्यों के राजस्व सचिव मौजूद रहेंगे।

जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा और पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर कार्यक्रम को संबोधित करेंगे तथा इस दौरान पर्यावरण राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो और जनजातीय मामलों की राज्य मंत्री रेणुका सिंह सरुता भी मौजूद रहेंगी।

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Web Title: Tribal community will get more powers to manage forest resources

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