पीएम मोदी के खिलाफ ट्रेड यूनियनों का प्रदर्शन, 1,000 हस्ताक्षर जुटाए, जानिए क्या है कारण

By भाषा | Published: January 17, 2020 05:54 PM2020-01-17T17:54:05+5:302020-01-17T17:54:05+5:30

पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस समर्थित नेशनल यूनियन ऑफ वाटरफ्रंट वर्कमेन (आई) ने अभियान शुरू किया है। 12 जनवरी को केओपीटी के 150 साल पूरे होने के अवसर पर मोदी ने घोषणा की थी कि अब इसे भारतीय जनसंघ के संस्थापक के नाम से जाना जाए

Trade unions protest against PM Modi, collect 1,000 signatures, know what is the reason | पीएम मोदी के खिलाफ ट्रेड यूनियनों का प्रदर्शन, 1,000 हस्ताक्षर जुटाए, जानिए क्या है कारण

हिंद मजदूर संघ समर्थित ट्रेड यूनियन के नेता चिन्मय रॉय ने कहा कि केंद्र की घोषणा ‘‘अप्रत्याशित’’ है क्योंकि इसकी कोई मांग नहीं थी।

Highlightsकेंद्र के फैसले के खिलाफ केओपीटी के कर्मचारियों से एक बड़ा हस्ताक्षर अभियान चलाया गया।नेशनल यूनियन ऑफ वाटरफ्रंट वर्कमेन (आई) के महासचिव असीम सूत्रधार ने बताया, ‘‘यह मंजूर नहीं है।

कोलकाता पत्तन न्यास (केओपीटी) का नामकरण डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद संगठन की यूनियनों ने इसके खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया और कहा कि इस कदम से संगठन के इतिहास को नुकसान पहुंचेगा।

केंद्र के फैसले के खिलाफ केओपीटी के कर्मचारियों से एक बड़ा हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस समर्थित नेशनल यूनियन ऑफ वाटरफ्रंट वर्कमेन (आई) ने अभियान शुरू किया है। 12 जनवरी को केओपीटी के 150 साल पूरे होने के अवसर पर मोदी ने घोषणा की थी कि अब इसे भारतीय जनसंघ के संस्थापक के नाम से जाना जाएगा।

नेशनल यूनियन ऑफ वाटरफ्रंट वर्कमेन (आई) के महासचिव असीम सूत्रधार ने बताया, ‘‘यह मंजूर नहीं है। हमने अपना प्रदर्शन शुरू कर दिया है और हम लोग कार्यालयों एवं डॉक पर बैठकें तथा रैलियां आयोजित कर रहे हैं। जब तक इस फैसले को वापस नहीं लिया जाता तब तक हम लोग बंदरगाह क्षेत्र के कोने-कोने में ऐसे कार्यक्रम करते रहेंगे और कर्मचारियों का समर्थन जुटाते रहेंगे।’’

उन्होंने बताया कि यूनियन ने 1,000 हस्ताक्षर जुटाए हैं और अगले कुछ दिनों में इसके 1,500 तक पहुंचने की उम्मीद है। इसके बाद नाम बदलने के फैसले पर पुनर्विचार के लिए जहाजरानी मंत्रालय को एक ज्ञापन भेजा जाएगा। सीटू समर्थित कलकत्ता पोर्ट एंड शेार मजदूर यूनियन के महासचिव प्रबीर सरकार ने कहा कि वे अभियान का समर्थन कर रहे हैं क्योंकि वे मोदी की घोषणा का विरोध करते हैं।

हिंद मजदूर संघ समर्थित ट्रेड यूनियन के नेता चिन्मय रॉय ने कहा कि केंद्र की घोषणा ‘‘अप्रत्याशित’’ है क्योंकि इसकी कोई मांग नहीं थी। उन्होंने कहा कि अपने रुख और रणनीति पर हम लोग 20 जनवरी को यूनियन की बैठक में फैसला करेगे। बंदरगाह प्रबंधन ने हालांकि इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है।

Web Title: Trade unions protest against PM Modi, collect 1,000 signatures, know what is the reason

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