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ट्रैक्टर परेड हिंसा : योगेन्द्र यादव, टिकैत, पाटकर सहित 37 किसान नेताओं के खिलाफ नामजद प्राथमिकी

By भाषा | Updated: January 27, 2021 23:56 IST

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नयी दिल्ली, 27 जनवरी दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा के सिलसिले में राकेश टिकैत, योगेन्द्र यादव और मेधा पाटकर सहित 37 किसान नेताओं के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की है और उनके खिलाफ दंगा, आपराधिक षड्यंत्र, हत्या का प्रयास सहित भादंसं की विभिन्न धाराओं में आरोप लगाया है।

दिल्ली के पुलिस प्रमुख एस. एन. श्रीवास्तव द्वारा किसान नेताओं पर भड़काऊ भाषण देने और हिंसा में शामिल होने का आरोप लगाए जाने के बाद किसान नेताओं के खिलाफ यह कार्रवाई हुई है।

पुलिस का कहना है कि ट्रैक्टर परेड में हिंसा में किसान नेताओं की भूमिका की जांच की जाएगी। हिंसा और तोड़-फोड़ में दिल्ली पुलिस के 394 कर्मी घायल हुए हैं जबकि एक प्रदर्शनकारी की मौत हुई है।

पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में अब तक 25 प्राथमिकी दर्ज की हैं।

समयपुर बादली थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने हिंसा के दौरान पुलिस से पिस्तौल, 10 गोलियां और आंसू गैस के दो गोले लूट लिए।

प्राथमिकी में जिन नेताओं को नामजद किया गया है, उनमें मेधा पाटकर, योगेन्द्र यादव, दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढूनी, राकेश टिकैत, कुलवंत सिंह संधू, सतनाम सिंह पन्नू, जोगिंदर सिंह उग्राहा, सुरजीत सिंह फूल, जगजीत सिंह डालेवाल, बलबीर सिंह राजेवाल और हरिंदर सिंह लाखोवाल शामिल हैं।

एक अधिकारी ने कहा कि जो भी दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।

प्राथमिकी में भादंसं की कई धाराओं का उल्लेख है जिनमें 307 (हत्या का प्रयास), 147 (दंगों के लिए सजा), 353 (किसी व्यक्ति द्वारा एक लोक सेवक / सरकारी कर्मचारी को अपने कर्तव्य के निर्वहन से रोकना) और 120बी (आपराधिक साजिश) शामिल हैं।

एक प्राथमिकी में दिल्ली पुलिस के एक कर्मी ने दावा किया है कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने अवरोधक को ट्रैक्टर से टक्कर मारकर उनकी हत्या का प्रयास किया। एक पुलिस अधिकारी ने दावा किया है कि परेड के दौरान कई ट्रैक्टरों के नंबर प्लेट छुपे हुए थे।

दिल्ली के पुलिस आयुक्त श्रीवास्तव ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि किसान यूनियनों ने ट्रैक्टर परेड के लिए तय शर्तों का पालन नहीं किया। परेड दोपहर 12 बजे से शाम पांच बजे के बीच होनी थी और उसमें 5,000 टैक्टरों को शामिल होना था।

उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ पूर्व नेताओं जैसे सतनाम सिंह पन्नू और दर्शन पाल ने भड़काऊ भाषण दिए जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने अवरोधक तोड़े।

उन्होंने कहा कि 25 जनवरी की शाम तक यह स्पष्ट हो गया था कि वे (प्रदर्शनकारी) अपना वादा नहीं निभाएंगे। वे आक्रामक और उग्रवादी तत्वों को सामने लेकर आए जिन्होंने मंच पर चढ़कर भड़काऊ भाषण दिए।

श्रीवास्तव ने कहा कि दिल्ली पुलिस के 394 कर्मी घायल हुए हैं जबकि पुलिस के 30 वाहनों को नुकसान पहुंचा है। हिंसा के दौरान पुलिस के 428 अवरोधक क्षतिग्रस्त हुए हैं।

पुलिस के अनुसार, दंगे में डीटीसी बस के चालक प्रवीण कुमार घायल हुए हैं और उन्हें बसईदारापुर के ईएसआईसी मॉडल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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