आईएनएक्स मीडिया मामला : चिदंबरम की अंतरिम जमानत पर सुनवाई
दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की सीबीआई हिरासत मंगलवार तक के लिये बढ़ा दी। अदालत ने कहा कि वह सर्वोच्च अदालत द्वारा इससे पहले दिन में की गई टिप्पणी के मद्देनजर यह आदेश पारित कर रही है। उच्चतम न्यायालय ने निचली अदालत से कहा था कि वह चिदंबरम की हिरासत अवधि एक और दिन के लिये बढ़ा दे। चिदंबरम (73) की तीन दिन की सीबीआई हिरासत की अवधि खत्म होने पर उन्हें आज अदालत में पेश किया गया था। विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ मंगलवार को ही चिदंबरम की अंतरिम जमानत याचिका पर साढ़े तीन बजे के बाद सुनवाई करेंगे। न्यायाधीश ने अपने पांच पन्नों के आदेश में कहा, “अंतरिम जमानत याचिका का नोटिस सीबीआई को दिया जाए जिससे वह तीन सितंबर को अपना जवाब दे सके।”
आईएएफ में शामिल होंगे आठ अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर
भारतीय वायुसेना (आईएएफ) की लड़ाकू क्षमता बढ़ाने के लिए आठ अमेरिका निर्मित ‘अपाचे एएच-64ई’ लड़ाकू हेलीकॉप्टर को तीन सितम्बर को आईएएफ में शामिल किया जाएगा। एयर चीफ मार्शल बी. एस. धनोआ पठानकोट एयर फोर्स स्टेशन में आयोजित होने वाले इस समारोह के मुख्य अतिथि होंगे। ‘अपाचे एएच-64ई’ दुनिया के सबसे उन्नत बहु-भूमिका वाले लड़ाकू हेलीकॉप्टर है और अमेरिकी सेना इसका इस्तेमाल करती है। आईएएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘ आठ अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर आईएएफ में शामिल होने जा रहे हैं, जो बल की लड़ाकू क्षमता को बढ़ाएंगे।’’ आईएएफ ने ‘अपाचे हेलीकॉप्टर’ के लिए अमेरिकी सरकार और बोइंग लिमिटेड के साथ सितम्बर 2015 में कई अरब डॉलर का अनुबंध किया था। इसके तहत बोइंग ने 27 जुलाई को 22 हेलीकॉप्टर में से पहले चार हेलीकॉप्टर दिए गए थे। कई अरब डॉलर का अनुबंध होने के करीब चार वर्ष बाद ‘हिंडन एयर बेस’ में भारतीय वायुसेना को अपाचे हेलीकॉप्टरों के पहले बैच की डिलीवरी की गई थी।
अयोध्या मामला: राजीव धवन की अवमानना याचिका पर सुनवाई
उच्चतम न्यायालय अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्षकारों के वकील राजीव धवन की, मामले की पैरवी करने पर कथित धमकी मिलने का आरोप लगाने वाली अवमानना याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करेगा । प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल से कहा कि अवमानना याचिका पर विचार किया जाएगा। सिब्बल यहां धवन की ओर से पेश हुए थे। पीठ ने कहा, ‘‘ इसे कल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा।’’ न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे, न्यायमूर्ति डी. वाय. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस.ए. नजीर भी इस पीठ में शामिल थे। प्रमुख याचिकाकर्ता एम सिद्दीक तथा ऑल इंडिया सुन्नी वक्फ़ बोर्ड की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने एक पूर्व सरकारी अधिकारी के खिलाफ शुक्रवार को शीर्ष अदालत में अवमानना याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने आरोप लगाया गया था कि सेवानिवृत्त शिक्षा अधिकारी एन. षणमुगम से 14 अगस्त, 2019 को उन्हें एक पत्र मिला, जिसमें उन्हें मुस्लिम पक्षकारों की ओर से पेश होने की वजह से धमकी दी गयी थी।
असम के डॉक्टर 24 घंटे की हड़ताल पर
असम में डॉक्टरों ने एक बुजुर्ग डॉक्टर की पीट-पीटकर हत्या करने के विरोध में तीन सितंबर को राज्यभर में 24 घंटे की हड़ताल का रविवार को आह्वान किया। हालांकि हड़ताल में आपात सेवाएं शामिल नहीं होंगी। गौरतलब है कि जोरहाट में चाय बागान के एक अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद उसके साथ काम करने वाले लोगों ने एक बुजुर्ग डॉक्टर की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। भारतीय चिकित्सा संघ की असम राज्य शाखा के अध्यक्ष डॉ. सत्यजीत बोरा ने कहा कि डॉक्टर सुबह छह बजे से हड़ताल करेंगे लेकिन सभी अस्पतालों की आपात सेवाएं खुली रहेंगी। टियोक चाय बागान के 73 वर्षीय डॉक्टर देबेन दत्ता की बागान के मजदूरों ने शनिवार को पिटायी की थी। उन्होंने चाय बागान के अस्पताल में एक व्यक्ति की मौत के बाद डॉक्टर की पिटायी कर दी थी। दत्ता की बाद में जोरहाट मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मौत हो गई थी। बोरा ने बताया कि दत्ता पर हमला चाय बागानों में काम कर रहे डॉक्टरों पर शारीरिक हमले की तीसरी बड़ी घटना है और ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं।
शाह फै़सल की हिरासत के खिलाफ याचिका पर सुनवाई
दिल्ली उच्च न्यायालय ने पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फै़सल की, हिरासत में लिये जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर यह कहते हुए केंद्र सरकार को औपचारिक नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया कि उसने पहले ही कह दिया है कि वह जवाब दाखिल करेगा। शाह फै़सल का आरोप है कि उन्हें 14 अगस्त को दिल्ली हवाईअड्डे पर गैरकानूनी तरीके से हिरासत में लिया गया और श्रीनगर भेज दिया गया जहां उन्हें नजरबंद कर दिया गया। न्यायमूर्ति मनमोहन तथा न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की पीठ ने कहा है कि चूंकि केंद्र कह चुका है कि वह बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर जवाब दाखिल करेगा तो ऐसे में औपचारिक नोटिस जारी करने की जरूरत ही नहीं है। अदालत ने दोनों पक्षों से मामले की अगली सुनवाई की तारीख तीन सितंबर से पहले अपनी अपनी दलीलें दाखिल करने का निर्देश दिया।