प्रदूषण कम करने के लिए रिमोट सेंसिंग के इस्तेमाल पर केन्द्र, दिल्ली परिवहन विभाग से जवाब मांगा
By भाषा | Published: July 29, 2019 11:03 PM2019-07-29T23:03:30+5:302019-07-30T06:31:53+5:30
प्रदूषण मामले में शीर्ष अदालत की न्याय मित्र के रूप में मदद कर रही वरिष्ठ अधिवक्ता अपराजिता सिंह ने इससे पहले उच्चतम न्यायालय से कहा था कि रिमोट सेंसिंग तकनीक वाहनों से जहरीली गैसों और नुकसानदेह कणों के उत्सर्जन को रोकने मदद करेगी।
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को केन्द्र सरकार और दिल्ली परिवहन विभाग से प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की पहचान में मदद के लिए रिमोट सेंसिंग तकनीक के इस्तेमाल पर पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) की रिपोर्ट पर जवाब देने को कहा।
ईपीसीए ने शीर्ष अदालत में हाल में दायर अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अदालत के निर्देश के अनुसार उसने 16 जुलाई को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय और दिल्ली परिवहन विभाग सहित संबंधित एजेंसियों के साथ बैठक की थी जिसमें सड़क पर उत्सर्जन निगरानी के लिए रिमोट सेंसिंग के इस्तेमाल हेतु जरूरी कदम की पहचान करने पर चर्चा हुई।
प्रदूषण मामले में शीर्ष अदालत की न्याय मित्र के रूप में मदद कर रही वरिष्ठ अधिवक्ता अपराजिता सिंह ने इससे पहले उच्चतम न्यायालय से कहा था कि रिमोट सेंसिंग तकनीक वाहनों से जहरीली गैसों और नुकसानदेह कणों के उत्सर्जन को रोकने मदद करेगी।
सोमवार को सुनवाई के दौरान, न्याय मित्र ने न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ से कहा कि ईपीसीए ने इस मुद्दे पर रिपोर्ट दायर की है और अदालत को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय और दिल्ली परिवहन विभाग से इस पर जवाब देने के लिए कहना चाहिए।