रेलवे घाटे को कम करने के लिए यात्रियों को चुकाना पड़ सकता है 20% तक अधिक किराया, रात का सफर होगा महंगा
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: March 15, 2021 10:13 IST2021-03-15T10:09:32+5:302021-03-15T10:13:21+5:30
बीते वर्ष कोरोना वायरस संक्रमण का प्रसार रोकने के उद्देश्य से करीब छह माह तक ट्रेनों का संचालन रोक दिया गया था. इस फैसले की वजह से रेलवे की वित्तीय स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ा तो अब सरकार भाड़ा बढ़ाकर इसे पूरा करने की तैयारी में है.

सांकेतिक तस्वीर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: भारतीय रेल में रात के आरामदायक सफर के आदि यात्रियों को अब इसके लिए जेब थोड़ी ज्यादा ढीली करनी पड़ सकती है. क्योंकि भारतीय रेलवे विचार कर रही है कि रात के सफर के लिए यात्रियों से 20% तक अधिक किराया वसूला जाए.
हालांकि यह फिलहाल सुझाव के स्तर तक ही सीमित है. वरिष्ठ अधिकारियों ने रेलवे की आय बढ़ाने के लिए यह सुझाव रेल मंत्रालय को दिया है. इस मामले में मार्च के अंत में होने वाली उच्च स्तरीय बैठक में फैसला किया जा सकता है.
रेलवे ने आय बढ़ाने के लिए अपने अधिकारियों से सुझाव मांगे थे-
असल में बीते वर्ष कोरोना वायरस संक्रमण का प्रसार रोकने के उद्देश्य से करीब छह माह तक ट्रेनों का संचालन रोक दिया गया था. इस फैसले की वजह से रेलवे की वित्तीय स्थिति पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा, जिसके बाद अपनी आय के स्रोतों को बढ़ाने के लिए रेलवे विभिन्न जोन से रेलवे सुझाव मांगे थे. ऐसे में सुझाव मिला कि जब यात्री भारतीय रेल में रात में यात्रा करना पसंद करते हैं, तब ऐसे में रेलवे को उनसे किराया भी उसी हिसाब से लेना चाहिए.
रेलवे में फंड की कमी को दूर करने के लिए भाड़ा बढ़ाने की तैयारी में सरकार
ऐसा करने से उसकी आय बढ़ेगी. साथ में यात्रियों की सुविधाओं में बढ़ोतरी के लिए फंड भी इकट्ठा हो जाएगा. सुझाव में कहा गया कि ऐसा करने से रेलवे को उन योजनाओं को पूरा करने में भी मदद मिलेगी, जो फंड की कमी के कारण रु की हैं. यह है सुझाव अधिकारियों द्वारा रेल मंत्रालय को भेजे गए सुझाव के अनुसार किसी भी स्थान के लिए रात में दूरी तय करने पर यात्रियों को रात में दिन के मुकाबले अधिक सुविधा मिलती है.
आरामदायक सफर के नाम पर स्लीपर श्रेणी में 10%, वातानुकूलित थ्री टियर में 15% किराया बढ़ाया जा सकता है-
अत: रेलवे यात्रियों से रात्रिकालीन आरामदायक सफर के नाम पर स्लीपर श्रेणी में 10%, वातानुकूलित थ्री टियर में 15% और वातानुकूलित सेकंड क्लास और फर्स्ट क्लास में 20% तक अधिक किराया वसूला जा सकता है. बेडरोल का चार्ज करें 60 रेलवे बोर्ड को यह सुझाव भी मिला है कि वह बेडरोल का किराया भी 60 रु पए किया जाए. रेलवे के कुछ अधिकारियों ने अपने सुझाव में तर्क दिया कि पिछले 10 वर्षों के दौरान बेडरोल के धुलाई खर्च में 50फीसदी तक की वृद्धि हुई है, लेकिन यात्रियों से बेडरोल का किराया अब भी अधिकतम 25 रु पए ही लिया जा रहा है.