स्कूल भर्ती घोटाला मामले में टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी से सीबीआई ने 6 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की
By भाषा | Published: May 20, 2023 09:15 PM2023-05-20T21:15:29+5:302023-05-20T21:18:34+5:30
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों ने स्कूल भर्ती घोटाले की जांच के सिलसिले में शनिवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता अभिषेक बनर्जी से छह घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की। पूछताछ के बाद बनर्जी ने कहा कि मेरे खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई सबूत है तो वह मुझे गिरफ्तार करें।
कोलकाता: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों ने स्कूल भर्ती घोटाले की जांच के सिलसिले में शनिवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता अभिषेक बनर्जी से छह घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की। बनर्जी ने यहां निजाम पैलेस में सीबीआई कार्यालय पहुंचने से पहले, एजेंसी को एक पत्र लिखकर उच्च न्यायालय के उस आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने के अपने फैसले की जानकारी दी, जिसमें अदालत ने जांच एजेंसियों, सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को उनसे पूछताछ करने की अनुमति दी है।
सूत्रों के अनुसार, समझा जाता है कि सीबीआई अधिकारियों ने टीएमसी नेता से सवाल किया कि स्कूल भर्ती घोटाले के एक आरोपी कुंतल घोष ने क्यों आरोप लगाया है कि उन पर उनका नाम लेने के लिए दबाव डाला जा रहा है। माना जा रहा है कि अभिषेक बनर्जी ने कहा कि उन्हें घोष के बयान के पीछे के कारणों की कोई जानकारी नहीं है। टीएमसी नेता बनर्जी का नाम घोटाले में एक आरोपी कुंतल घोष द्वारा दर्ज कराई गई एक शिकायत में सामने आया था। घोष ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय एजेंसियां उन पर भर्ती घोटाले में उनका (अभिषेक बनर्जी का) नाम लेने का दबाव बना रही हैं।
बनर्जी ने सीबीआई को लिखे पत्र में कहा, "मैं शुरू से कहता रहा हूं कि मैं यह जानकर हैरान हूं कि यह नोटिस मुझे 19 मई 2023 की दोपहर भेजा गया, जिसमें मुझे 20 मई 2023 को पूर्वाह्न 11 बजे कोलकाता में आपके कार्यालय में पेश होने का निर्देश दिया गया है, मुझे इसका अनुपालन करने के लिए पूरे एक दिन का भी वक्त नहीं दिया गया।"
इस बात पर जोर देते हुए कि वह पश्चिम बंगाल के लोगों से जुड़ने के लिए दो महीने की लंबी राज्यव्यापी यात्रा पर हैं, अभिषेक ने कहा कि उन्होंने सीबीआई जांच में पूर्ण सहयोग करने के लिए समन का अनुपालन करने का फैसला किया है। उन्होंने लिखा कि वह भारत के माननीय उच्चतम न्यायालय के समक्ष एक विशेष अनुमति याचिका दायर करने पर विचार कर रहे हैं, जिसमें दिनांक 18 मई 2023 के आदेश (कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा पारित) को चुनौती दी जाएगी।
इससे पहले सुबह इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के शीर्ष नेताओं के करीबी सुजय कृष्ण भद्र के आवास पर स्कूल नौकरी घोटाले संबंधी अपनी जांच के सिलसिले में छापा मारा। केंद्रीय एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि ‘कालीघाट एर काकू’ (कालीघाट के चाचा) के नाम से महशहूर भद्र के बेहाला स्थित आवास पर छापा मारा गया। पश्चिम बंगाल के विभिन्न सरकारी और सहायताप्राप्त स्कूलों में की गई कथित अवैध नियुक्तियों में संलिप्तता के संबंध में भद्र 15 मार्च को सीबीआई के सामने पेश हुए थे।
सीबीआई घोटाले के आपराधिक पहलू की जांच कर रही है, जबकि ईडी स्कूलों में भर्ती में कथित अनियमितताओं में धन के लेनदेन की जांच कर रही है। बनर्जी पश्चिम बंगाल में बांकुड़ा में जनसम्पर्क कर रहे थे। उन्होंने शुक्रवार को कहा था कि वह केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा भेजे गए समन पर वापस कोलकाता जा रहे हैं। बाद में शुक्रवार को बनर्जी ने अपने वाहन के ऊपर खड़े होकर किये गये संबोधन में केंद्रीय एजेंसी को चुनौती दी कि यदि उसके पास उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई सबूत है तो वह उन्हें गिरफ्तार करे।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं सीबीआई को चुनौती देता हूं कि यदि उसके पास मेरे खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई सबूत है तो वह मुझे गिरफ्तार करे।’’ इससे पहले बृहस्पतिवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में अदालत के एक पुराने आदेश को वापस लेने का अनुरोध करने संबंधी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राष्ट्रीय महासचिव बनर्जी की याचिका खारिज कर दी थी। अदालत ने अपने पुराने आदेश में कहा था कि सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी जांच एजेंसियां शिक्षक भर्ती घोटाले में उनसे पूछताछ कर सकती हैं। वहीं, कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव बनर्जी की उस याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया, जिसमें उन्होंने एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी थी। वहीं ईडी ने टीएमसी नेता को सम्मन भेजे। इस मामले पर अब उच्च न्यायालय की एक अवकाशकालीन पीठ द्वारा सुनवायी की जा सकती है जो सोमवार से बैठेगी।
टीएमसी नेतृत्व नेता ने भ्रष्टाचार के आरोपी भाजपा नेताओं को समन नहीं करने पर सीबीआई की आलोचना की। इस बीच, टीएमसी के शीर्ष नेता से सीबीआई की पूछताछ को लेकर बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी और राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया। टीएमसी नेतृत्व को आश्चर्य हुआ कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने भाजपा नेताओं से कभी पूछताछ क्यों नहीं की। टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, "अभिषेक बनर्जी और टीएमसी ने हमेशा सीबीआई और ईडी की जांच में सहयोग किया है। लेकिन भगवा खेमा हमें परेशान करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रहा है।" उन्होंने कहा कि दूसरी ओर, "एक व्यक्ति जो पैसे लेते हुए कैमरे में दर्ज किया गया, उसे सीबीआई द्वारा नहीं बुलाया जाता है क्योंकि वह भाजपा में शामिल हो गया है।" उनका इशारा परोक्ष तौर पर टीएमसी से दलबदल करने वाले एक शीर्ष भाजपा नेता की ओर थे।
उनकी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया जताते हुए, भाजपा ने आरोपों को निराधार बताया। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा, "सीबीआई जांच से भाजपा का कोई लेना-देना नहीं है। अगर टीएमसी नेताओं के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है, तो उन्हें समन की इतनी चिंता क्यों है और इस तरह के आरोप लगा रहे हैं? अगर उनके पास कहने के लिए कुछ है तो वे हमेशा अदालत का रुख कर सकते हैं।"