बाघिन सुंदरी की कैद पर सीएम शिवराज दुखी, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को लिखा पत्र, जानिए पूरा मामला

By शिवअनुराग पटैरया | Published: December 10, 2020 07:57 PM2020-12-10T19:57:00+5:302020-12-10T20:01:56+5:30

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दुख से व्यथित है। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को पत्र लिखकर कहा कि आप ओडिशा भेजी गई बाघिन सुंदरी पर ध्यान दें। पत्र में दुख का इजहार किया है।

tigress sundari cm shivraj singh chouhan wrote a letter to cm odisha Naveen Patnaik should take care | बाघिन सुंदरी की कैद पर सीएम शिवराज दुखी, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को लिखा पत्र, जानिए पूरा मामला

बाघ संरक्षण प्राधिकरण एवं ओडिशा सरकार के अनुरोध पर वर्ष 2018 में एक बाघ युगल प्रदान किया गया था. (file photo)

Highlightsबाघिन 29 जून 2018 को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से सतकोशिया भेजी गई थी।नवंबर 2018 से बाड़े में कैद है, जहां उसकी ठीक से देखरेख भी नहीं हो रही है।

भोपालः मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश की बाघिन सुंदरी को वापस प्रदेश लाने को लेकर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से अनुरोध किया है.

ओडिशा से जब तक बाघिन वापस नहीं लाई जाती, तब तक सुंदरी बाघिन की पर्याप्त देखभाल और उसे अनुकूल वातावरण प्रदान किए जाने के संबंध में संबंधितों को निर्देश दें. उल्लेखनीय है कि देश में बाघ संरक्षण कार्यक्रम को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से ओडिशा राज्य के सतकोसिया टाइगर रिजर्व में बाघ पुनर्स्थापना कार्यक्रम के अंतर्गत मध्य प्रदेश सरकार द्वारा राज्यों की सीमाओं से परे जाकर सोचते हुए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण एवं ओडिशा सरकार के अनुरोध पर वर्ष 2018 में एक बाघ युगल प्रदान किया गया था.

इस युगल में से एक बाघ की ओडिशा के मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में चौहान ने कहा है कि सतकोसिया टाइगर में मृत्यु हो गई और मादा बाघिन सुंदरी द्वारा जन-हानि किए जाने के चलते बनी परिस्थितियों के फलस्वरूप सुंदरी को नवम्बर-2018 से बाड़े में रख दिया गया.

मुख्यमंत्री चौहान ने समाचार-पत्रों का हवाला देते हुए कहा है कि सतकोसिया टाइगर रिजर्व में सुंदरी बाघिन का रख-रखाव वन्य-जीव अधिनियम के मानकों के अनुरूप नहीं है. इसके कारण वह नैसर्गिक व्यवहार प्रदर्शित नहीं कर पा रही है.

मुख्यमंत्री चौहान ने अपने पत्र में कहा है कि ओड़िसा सरकार के अनुरोध पर मध्य प्रदेश से विशेषज्ञ दल भेजकर बाघिन को पुन: राज्य में लाकर मुक्त किए जाने की संभावनाओं पर विचार किया गया था, किन्तु विशेषज्ञ दल ने पाया कि लम्बी अवधि तक बाड़े में रहने और निरंतर मानव की उपस्थिति की आदी होने के फलस्वरूप खुले वन क्षेत्र में मुक्त करने पर बाघिन और नागरिकों दोनों की सुरक्षा को खतरा होना संभावित है.

मुख्यमंत्री चौहान ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि मध्यप्रदेश में कान्हा, बांधवगढ़ और पेंच टाइगर रिजर्व में बाघ सफारी के निर्माण के लिये राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा सैद्धांतिक अनुमति प्रदान की जा चुकी है. वर्तमान में घोरेला केन्द्र में प्रशिक्षणरत एक अनाथ बाघ शावक को उपयुक्त वन क्षेत्र में मुक्त करने के बाद बाघिन सुंदरी को इस केन्द्र में रखा जाएगा और टाइगर सफारी बनने के उपरांत विशेषज्ञों के परामर्श के अनुसार आगामी निर्णय लिया जाएगा.

Web Title: tigress sundari cm shivraj singh chouhan wrote a letter to cm odisha Naveen Patnaik should take care

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