जम्मू: करीब 10 महीनों के बाद वैष्णो देवी भवन पर श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देख खुशी का अहसास तो सभी को हो रहा है पर साथ ही में कोरोना 2.0 का खतरा भी मंडराने लगा है। यही कारण था कि नववर्ष पर अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद रखने वालों के चेहरे भी मुरझाने लगे हैं।
हालांकि अभी तक प्रदेश में कोई ऐसा मामला सामने नहीं आया है जिसमें कोरोना 2.0 के लक्षण पाए गए हों पर खतरे की आहट जरूर है। इस आहट के बीच वैष्णो देवी के भवन के साथ ही आधार शिविर कटड़ा एक बार फिर गुलजार होने लगा है। श्रद्धालुओं का यह सुखद एहसास करीब 10 महीनों के बाद देखने को मिला है क्योंकि बीते मार्च महीने में कोरोना महामारी के चलते एकाएक प्रसिद्ध वैष्णो देवी यात्रा स्थगित कर दी गई थी हालांकि बीते 16 अगस्त को एक बार फिर मां वैष्णो देवी की यात्रा शुरू कर दी गई थी परंतु लगातार जारी कोरोना महामारी के चलते बड़ी कम संख्या में श्रद्धालु मां के भवन पहुंच रहे थे।
अब एक बार फिर से नववर्ष के आगमन को लेकर वर्तमान में श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है जिसको लेकर नगर का व्यापारी वर्ग संतुष्ट नजर आ रहा है और व्यापारी वर्ग उम्मीद जता रहा है कि एक बार फिर उनका व्यापार पटरी पर लौटेगा। बीते सप्ताह तक जहां रोजाना मात्र 2000 से 3000 श्रद्धालु ही मां वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए आ रहे थे परंतु बीते तीन-चार दिनों से एक बार फिर वैष्णो देवी यात्रा में बढ़ोतरी शुरु हो गई है।
पारंपरिक तौर पर नववर्ष के आगमन को लेकर करीब 5 जनवरी तक कटड़ा में अच्छी खासी भीड़ श्रद्धालुओं की रहती है परंतु उसके उपरांत एकाएक वैष्णो देवी यात्रा में कमी शुरू हो जाती है जो मार्च महीने के उपरांत फिर बढ़ना शुरू होती है परंतु जानकारों का कहना है कि अगर पर्यटन विभाग के साथ ही वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड पूरी कोशिश करें तो दूसरी ओर राज्य जम्मू कश्मीर के प्रवेश द्वार लखनपुर से अंतर राज्य बसों का पूरी तरह से परिचालन फिर शुरू किया जाए तो निश्चित ही मां वैष्णो देवी की यात्रा में और ज्यादा बढ़ोतरी संभव होगी।