इस बार वर्चुअल होगा जन साहित्य उत्सव, किसानों की समस्याओं पर भी होगी चर्चा

By भाषा | Updated: January 11, 2021 19:25 IST2021-01-11T19:25:01+5:302021-01-11T19:25:01+5:30

This time the mass literature festival will be virtual, problems of farmers will also be discussed | इस बार वर्चुअल होगा जन साहित्य उत्सव, किसानों की समस्याओं पर भी होगी चर्चा

इस बार वर्चुअल होगा जन साहित्य उत्सव, किसानों की समस्याओं पर भी होगी चर्चा

जयपुर, 11 जनवरी जयपुर में आयोजित होने वाला सालाना जन साहित्य उत्सव (पीएलएफ) इस बार वर्चुअल होगा। इसमें लगभग 45 सत्रों में नेहरू, गांधी से लेकर किसानों की समस्याओं तक पर चर्चा होगी।

पीएलएफ के मुख्य संयोजक ईशमधु तलवार ने बताया कि राजस्थान प्रगतिशील लेखक संघ की ओर से पीएलएफ अगले फरवरी माह में ऑनलाइन आयोजित होगा। इसमें लगभग 45 सत्र होंगे।

उन्होंने बताया कि इस सालाना आयोजन में किसानों की समस्या के साथ ही जवाहर लाल नेहरू और महात्मा गांधी पर भी सत्र होंगे। विख्यात लेखक पुरुषोत्तम अग्रवाल का नेहरू की प्रासंगिकता पर व्याख्यान होगा, जबकि गांधी और स्त्री विमर्श विषय पर चर्चा में विद्या जैन, बीएम शर्मा, शंकर कुमार सान्याल के साथ ही अमेरिका के प्रोफेसर मैट मेयर भी हिस्सा लेंगे। इसके अलावा अविनाश पांडे की पुस्तक ‘उसने गांधी को क्यों मारा?’ को केंद्र में रखकर हमारे समय के नायकों को इतिहास से पीछे धकेलने के मुद्दे पर भी बातचीत होगी।

फरवरी के चारों रविवार और दूसरे व चौथे शनिवार को आयोजित होने वाले पीएलएफ में 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे पर ‘प्यार का बाजार और लव जिहाद’ विषय पर भी एक सत्र होगा। इसके अलावा ‘लेखक से मिलिए’ नाम से रोजाना एक सत्र होगा।

पीएलएफ के संयोजक प्रेमचंद गांधी ने बताया कि हर साल एक विंटेज सेशन रखने का भी फैसला किया गया है जिसके तहत इस बार रांगेय राघव की कालजयी कृति "कब तक पुकारूं" पर चर्चा की जाएगी। इसमें दुर्गाप्रसाद अग्रवाल, कल्याण प्रसाद वर्मा, मधुरेश, जीवन सिंह मानवी, चरणसिंह पथिक आदि भाग लेंगे। रांगेय राघव की पत्नी सुलोचना रांगेय राघव इस उपन्यास के बनने की कहानी बताएंगी। दलित साहित्य में महिला लेखन और मुख्यधारा की राजनीति में आदिवासियों की भूमिका पर भी सत्र होंगे।

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Web Title: This time the mass literature festival will be virtual, problems of farmers will also be discussed

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