मप्र, छग और राजस्थान से भी पहले होने जा रहा है ये चुनाव, हो जाएगी विपक्षी एकता की असली परीक्षा
By पल्लवी कुमारी | Updated: June 20, 2018 19:54 IST2018-06-20T19:51:03+5:302018-06-20T19:54:34+5:30
राज्य सभा के उपसभापति पी.जे. कुरियन 1 जुलाई को रिटायर होने वाले हैं। इसके बाद उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को नए डेप्युटी चेयरमैन के चुनाव होने वाले हैं।

मप्र, छग और राजस्थान से भी पहले होने जा रहा है ये चुनाव, हो जाएगी विपक्षी एकता की असली परीक्षा
नई दिल्ली, 20 जून: राज्य सभा के उपसभापति पी.जे. कुरियन 1 जुलाई को रिटायर होने वाले हैं। इसके बाद उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को नए डेप्युटी चेयरमैन के चुनाव होने वाले हैं। बीजेपी आम सहमति बनाकर इस पोस्ट को अपने उम्मीदवार के लिए सुरक्षित करना चाहती है। दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियां एक संयुक्त उम्मीदवार चाहती है। ऐसे में 2019 और तीन राज्यों में होने वाले चुनाव से पहले विपक्षी एकता की इसे असली परीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है।
बीजेपी के पास 106 सांसदों का समर्थन है। जिसमें AIADMK के 14 सांसद शामिल हैं। दूसरी ओर देखा जाए तो विपक्षी पार्टियों के पास 117 सांसदों का समर्थन है। जिसमें टीडीपी भी शामिल है। वहीं जीत के लिए 245 सदस्यीय सदन मे 122 वोटों की जरूरत है। ऐसे में देखा जाए तो दोनों ही पार्टियों के पास पूरा समर्थन नहीं है।
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समर्थन के लिए अब सबकी निगाहें बीजेडी, टीआरएस और YSRCP जैसी क्षेत्रीय पार्टियां हैं जो एनडीए और विपक्षी पार्टियों के लिए इस चुनाव में बड़ी भूमिका निभा सकती है। खबरों के मुताबिक दोनों ही पक्ष अब इनको अपनी ओर करने में लग गए हैं।
राज्य सभा में बहुमत न होना बीजेपी के लिए सबसे बड़ी समस्या है। आम चुनाव से एक साल पहले पार्टी कानूनों को पास कराना चाहेगी और इसके लिए चेयरमैन (वेंकैया नायडू) और डेप्युटी चेयरमैन बड़े मददगार साबित हो सकते हैं।
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