यह निजीकरण की ओर ले जाने वाला बजट है: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी
By भाषा | Published: February 1, 2021 08:44 PM2021-02-01T20:44:43+5:302021-02-01T20:44:43+5:30
नागपुर/मुंबई, एक फरवरी महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना ने सोमवार को कहा कि केंद्रीय बजट में महाराष्ट्र को नजरअंदाज किया गया।
इसके अलावा राकांपा और कांग्रेस ने बजट को निराशाजनक और निजीकरण की ओर ले जाने वाला करार दिया।
वहीं दूसरी तरफ, वरिष्ठ भाजपा नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बजट में नासिक और नागपुर शहरों में मेट्रो चलाने के लिए किए गए प्रावधानों का स्वागत किया।
उप मुख्यमंत्री और राज्य के वित्त मंत्री अजित पवार ने कहा, “ऐसे समय में जब देश के वैज्ञानिक कोविड-19 के टीके का आविष्कार कर लोगों को जीवन दे रहे हैं, केंद्रीय बजट ने एक बार फिर जनता को मौत के रास्ते पर धकेल दिया है।”
राज्य के गृह मंत्री तथा वरिष्ठ राकांपा नेता अनिल देशमुख ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से पेश किया गया बजट बेहद निराशाजनक है।
उन्होंने नागपुर में संवाददाताओं से कहा, “ऐसा लगता है कि इससे हम निजीकरण की तरफ बढ़ रहे हैं। बजट में आम आदमी को नजरअंदाज किया गया है। इसी प्रकार किसानों के लिए कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है।”
देशमुख ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के बीच, बजट लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने में विफल रहा है।
राकांपा के एक अन्य नेता और राज्य के आवासीय मंत्री जितेंद्र अव्हाड ने ट्वीट किया, “नए बजट को आसान शब्दों में कहें तो यह भारत को बेचने जैसा है।”
महाराष्ट्र राकांपा अध्यक्ष महेश तपासे ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट में आकर्षक भाषा का इस्तेमाल किया है ताकि “निजीकरण के वास्तविक ध्येय” को छुपाया जा सके।
उन्होंने कहा, “चीन हमारे क्षेत्र में आ गया है लेकिन बजट में रक्षा पर कोई बात नहीं की गई। बेरोगारी से निपटने के लिए किसी योजना का कोई उल्लेख नहीं है।”
अजित पवार ने कहा कि बजट में आदिवासियों, अल्पसंख्यकों और पिछड़े समुदाय के लोगों को भी नजरअंदाज किया गया।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री ने पश्चिम बंगाल के लिए 25,000 करोड़ रुपये की घोषणा की लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि राज्य को यह पैसा मिलेगा या नहीं।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, “इस बजट में महाराष्ट्र नहीं दिखाई दिया।”
यह पूछे जाने पर कि क्या कुछ राज्यों में आगामी चुनाव को देखते हुए वहां अधिक पैसा दिया गया है, राउत ने कहा कि ऐसी स्थिति में वित्तीय योजना को राष्ट्रीय बजट नहीं कहा जा सकता बल्कि इसे एक राजनीतिक पार्टी का बजट कहना चाहिए।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, “पिछले कई सालों में हमारे जैसे लोग केंद्रीय बजट में महाराष्ट्र को ढूंढ रहे हैं लेकिन उनमें महाराष्ट्र दिख नहीं रहा।”
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और विशेषकर मुंबई, देश के लिए बड़ी मात्रा में राजस्व देता है लेकिन इस राज्य को हमेशा अन्याय झेलना पड़ा है।
पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बजट में नासिक मेट्रो के लिए 2,092 करोड़ रुपये के आवंटन और नागपुर मेट्रो के लिए 5,976 करोड़ रुपये के आवंटन का स्वागत किया।
उन्होंने ट्वीट किया, “आज के ‘आत्मनिर्भर भारत के बजट’ में भारत सरकार ने नासिक मेट्रो के लिए 2092 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी को धन्यवाद। नागपुर मेट्रो फेज दो को भी 5,976 करोड़ रुपये दिए गए हैं। महाराष्ट्र में हमारी सरकार के कार्यकाल में इन दोनों प्रस्तावों को भेजा गया था।”
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और मंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि मध्यम वर्ग के लोगों के लिए बजट निराशाजनक है।
औरंगाबाद से एआईएमआईएम के सांसद इम्तियाज जलील ने कहा कि बजट में मुंबई को नजरअंदाज किया गया।
जलील ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार ने उन राज्यों के लिए ही निर्णय लिया है जहां चुनाव होने वाले हैं।
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