भारत में दहेज़ लेना और देना दोनों ही अपराध की श्रेणी में आते हैं। दहेज़ लेने और दहेज़ देने दोनों ही स्थिति में ये कानून अपराध की श्रेणी में आता है, ऐसा करने पर कड़ी सजाओं का प्रावधान भी है। अपराध के श्रेणी में आने के बाद कई दहेज़ प्रेमी अलग अलग तरीके के हथकंडे अपनाते हैं।
आज हम आपको एक ऐसी वेबसाइट के बारे में बताने जा रहे हैं जो किसी लड़के की नौकरी, सैलरी, क्वालिफिकेशन और रंग-रूप के आधार पर बताती है कि उसे उसकी शादी में कितना दहेज़ मिल सकता है। इस वेबसाइट का नाम है डाउरी (दहेज़) कैलकुलेटर, जिसके जरिए कोई भी लड़के के लिए उपयुक्त दहेज का पता कर सकता है कि उसे शादी में कितना दहेज़ मिलेगा? हालांकि अब यह साईट विवादों में आ गई है क्योंकि कई लोगों का कहना है कि इसके माध्यम से दहेज़ का प्रचार और प्रसार किया जा रहा है, वहीं कुछ लोगों का यह भी कहना है कि यह साईट सिर्फ एक सटायर है इसका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं है। अब यह साईट कितना सही है और कितना गलत इसका फैसला लोगों को ही करना है।
विरोध में कांग्रेसी सांसद और केंद्रीय मंत्रालय-यह मामला तब सामने आया जब इस पोर्टल पर देखने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री और गुना से सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आपत्ति जाहिर की। सिंधिया के अनुसार यह एक तरह से दहेज़ का प्रचार व प्रसार है। उन्होंने बीते सोमवार PMO (प्रधानमंत्री कार्यालय) और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को अपने ट्वीट में टैग करते हुए इस वेबसाइट पर कार्रवाई करने की बात कही थी। इसके बाद माहिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी हरकत में आईं और उन्होंने ने आईटी मिनिस्टर रवि शंकर प्रसाद से इस वेबसाइट को ब्लॉक करने और इसे बनाने वाले के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा है।
हालांकि इसके बावजूद यह साईट अब भी चल रही है और सिंधिया के ट्वीट के बाद साईट पर ट्रैफिक में भी तेजी आई है। वहीं वेबसाइट के मालिक तनुल ठाकुर ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के ट्वीट का जबाब देते हुए कहा कि 'परेशान मत होइए, ये व्यंग है, लेकिन साइट पर ट्रैफिक लाने के लिए आपका शुक्रिया।'
बता दें कि करीब 6 साल पहले दहेज को लेकर www.dowrycalculator.com नाम की ये वेबसाइट बनाई गई थी। वेबसाइट के ही अनुसार ये महज एक व्यंग है, जिसे सिर्फ लोगों को बेवकूफ बनाने या उन्हें दहेज़ से बचने का ज्ञान देने के लिए बनाया गया है।