'चुनावी जुमला' और बड़ा छलावा है यह विधेयक'- कांग्रेस ने महिला बिल पर घेरा मोदी सरकार को

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 20, 2023 01:22 PM2023-09-20T13:22:35+5:302023-09-20T13:34:59+5:30

कांग्रेस ने मोदी सरकार द्वारा पेश महिला बिल का समर्थन करते हुए उसकी नियत पर सवाल खड़ा किया है। कांग्रेस ने कहा कि यह महिला आरक्षण बिल करोड़ों महिलाओं और बेटियों के साथ बहुत बड़ा छलावा है।

This bill is an 'election gimmick' and a big deception Congress cornered modi government on the women's bill | 'चुनावी जुमला' और बड़ा छलावा है यह विधेयक'- कांग्रेस ने महिला बिल पर घेरा मोदी सरकार को

फाइल फोटो

Highlightsजयराम रमेश कहते हैं की सच्चाई यह है की आगामी चुनाव में पीएम मोदी को हार मिलने जा रही है।कांग्रेस ने बताया है कि आरक्षण जनगणना और परिसीमन प्रक्रिया के बाद ही प्रभावी हो पाएगा।विधेयक में महिलाओं को लोस और विधानसभा में 33 फीसद आरक्षण प्रदान करने का प्रावधान है।

नई दिल्ली:कांग्रेस ने मोदी सरकार द्वारा पेश महिला बिल का समर्थन करते हुए उसकी नियत पर सवाल खड़ा किया है। कांग्रेस पार्टी ने बीते मंगलवार को मोदी सरकार द्वारा पेश किये गये महिला आरक्षण बिल को करोड़ों महिलाओं और बेटियों के साथ बहुत बड़ा छलावा बताया है। संसद में मोदी सरकार की ओर से पेश किए गए महिला आरक्षण विधेयक 2023 पर कांग्रेस ने तीखी टिप्पणी करते हुए इसे चुनावी जुमला और महिलाओं की उम्मीदों के साथ बड़ा धोखा बताया है।

इसके साथ ही कांग्रेस की ओर से बताया गया है कि आरक्षण जनगणना और परिसीमन प्रक्रिया के बाद ही यह पूरी तरह से प्रभावी होगी।
महिला आरक्षण के लिए काफी दिनों से मांग की जा रही थी, जिसे मोदी सरकार ने मंगलवार को नारीशक्ति वंदन अधिनियम विधेयक के रूप में पेश किया है।

इस विधेयक में महिलाओं को लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33 फीसद आरक्षण प्रदान करने का प्रावधान है। हालांकि, इस विधेयक में सबसे बड़ा पेंच यह है कि जनगणना और परिसीमन पूरी होने के बाद ही इसे लागू किया जा सकेगा। इस कारण से यह बहुत मुश्किल है कि विधेयक संसद द्वारा पास होने के बाद भी साल 2024 के लोकसभा चुनावों पहले प्रभावी हो पाए।

इस विधेयक पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर कहा की उनकी पार्टी ने महिला आरक्षण बिल का हमेशा से समर्थन किया है। उन्होंने साल 2010 में यूपीए सरकार में लाए गए बिल को याद करते हुए कहा की उस वक्त की मनमोहन सरकार ने राज्य सभा से यह बिल पास करा लिया था। लेकिन, यह बिल उस वक्त लोकसभा में पास नहीं हो सका था क्योंकि घटक दलों ने ही इसका विरोध किया था।

मल्लिकार्जुन खड़गे कहते हैं की महिला आरक्षण बिल के जरिए इस बार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अति पिछड़ा वर्ग को संवैधानिक तौर पर बराबरी का अवसर मिलना चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने बताया की मोदी सरकार जो विधेयक लेकर आई है, उसे ध्यान से देखने की जरुरत है।
खड़गे ने कहा कि विधेयक के वर्तमान मसौदे में लिखित तौर पर कहा गया है कि आरक्षण जनगणना और परिसीमन प्रक्रिया पूरी होनी के बाद ही आरक्षण विधेयक को लागू किया जाएगा। ऐसा लगता है कि मोदी सरकार ने महिलाओं के आरक्षण के लिए 2029 तक दरवाजे बंद कर दिए हैं। उन्होंने आगे कहा की बीजेपी को इस बिल के विषय में सबके सामने स्पष्ट तरीके से बताना चाहिए।

वहीं कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने विधेयक पर प्रतिक्रिया देते हुए अप्रैल 1942 की उस घटना का जिक्र किया, जिसमें ब्रिटिश राज्य की ओर से उस वक्त चल रहे द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद भारत को स्वतंत्र करने की बात कही गई थी। उसे लेकर गांधी जी ने दिवालिया बैंक की पोस्ट डेटेड चेक कहते हुए संबोधित किया था।

कांग्रेस नेता रमेश के अनुसार महात्मा गांधी की वह बात आज के परिदृष्य में सटीक बैठती है। जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महिला शक्ति वंदन अधिनियम 2023 पेश कर रहे है। कांग्रेस महासचिव ने आगे कहा की यह विधेयक अधूरे वादे की तरह है, जिसमें वर्षों लग सकते हैं। अगर इसे 2024 तक लागू नहीं किया जाना था तो इसके लिए विशेष सत्र बुलाना सरकार की जल्दबाजी लगती है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश कहते हैं की असल में सच्चाई यह है की आने वाले चुनाव में पीएम मोदी को निश्चित तौर पर पराजय मिलने जा रही है। उन्होंने आगे कहा, "वह अपने नीचे से खिसकती जमीन को रोकने के लिए तिनकों को पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं। आश्चर्य है, क्या जनगणना और परिसीमन 2024 के चुनावों से पहले किया जाएगा?"

कांग्रेस महासचिव रमेश ने सोशल प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "यह समय चुनावी जुमलों का है और उनमें में से यह (महिला आरक्षण विधेयक) सबसे बड़ा है। यह करोड़ों भारतीय लड़कियां और बेटियों के सपनों के साथ बहुत बड़ा छल है।" उन्होंने आगे कहा कि जैसा की मैंने पहले कहा की मोदी सरकार अभी तक 2021 की दशकीय जनगणना नहीं करा पाई है।  जी-20 में भारत ही एकमात्र देश है, जो अपनी जनगणना कराने में विफल रहा है। आखिर यह जनगणना कब होगी?

Web Title: This bill is an 'election gimmick' and a big deception Congress cornered modi government on the women's bill

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