राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महाराष्ट्र में राजनीतिक घटनाक्रम पर उच्चतम न्यायालय की व्यवस्था का जिक्र करते हुए मंगलवार को एक बार फिर भाजपा पर निशाना साधा और कहा, 'इनको शिकस्त मिलेगी, इनके सारे हथकंडे विफल होंगे।'
मुख्यमंत्री ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय की व्यवस्था के मद्देनजर कल तक इंतजार करिए । लेकिन महाराष्ट्र में जिस रूप में (लोकतंत्र की) हत्या की गई है रात को अंधेरे में, उसको यह देश कभी भूलेगा नहीं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, निंदा करने योग्य है। मैं समझता हूं इससे दुनिया के मुल्कों में हमारे देश की प्रतिष्ठा गिरी है।’
उन्होंने आगे कहा, 'इनको शिकस्त मिलेगी, सारे हथकंडे इनके फेल होंगे, हॉर्स ट्रेडिंग की इनकी जो कल्पना थी, जो सपना था वह चकनाचूर हो जाएगा। ऐसा यह मेरा मानना है।' मुख्यमंत्री ने संविधान दिवस पर कहा, ‘‘संविधान की दो दिन पहले जो धज्जियां उड़ाई गई है वह पूरा मुल्क देख रहा है, जो सत्ता पक्ष वाली पार्टी है वह पार्टी अगर ऐसे हथकंडे अपनाएगी देश के लिए तो लोग क्या सोचेंगे उनके बारे में।’’
उच्चतम न्यायालय के फैसले में राज्यपाल की भूमिका के जिक्र के बारे में गहलोत ने कहा कि राज्यपाल को तो पद पर रहने का अधिकार ही नहीं है। उन्होंने कहा, ‘महाराष्ट्र के राज्यपाल महोदय को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए। जिस तरह से उन्होंने भाजपा के दबाव में, सरकार के दबाव में, प्रधानमंत्री और अमित शाह जी के दबाव में काम किया है, ऐसे व्यक्ति को राज्यपाल पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है यह मैं मानता हूं।'
गहलोत ने अदालतों में बड़ी संख्या में मामलों के लंबित रहने पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा, ‘‘पूरे मुल्क के हालात बड़े विकट हैं और लाखों मामले लंबित हैं। लोगों को समय पर न्याय मिलता नहीं है जो न्याय नहीं मिलने के बराबर है । इसके लिए केंद्र सरकार को भी सोचना पड़ेगा और राज्य सरकारें सहयोग करेंगी।’’