अटल बिहारी वाजपेयी के पार्थिव शरीर को इनलोगों ने दिया कंधा
By भारती द्विवेदी | Updated: August 17, 2018 16:08 IST2018-08-17T16:05:01+5:302018-08-17T16:08:35+5:30
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन और तीनों रक्षा प्रमुख ने उनके पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि दी है।

अटल बिहारी वाजपेयी के पार्थिव शरीर को इनलोगों ने दिया कंधा
नई दिल्ली, 17 अगस्त: पूर्व प्रधानमंत्री और 'भारत रत्न' अटल बिहारी वाजपेयी का पार्थिव शरीर स्मृति स्थल पहुंच चुका है। उनके शव को पूरे राजकीय सम्मान के साथ स्मृति स्थल तक ले जाया गया है। तीनों सेना के जवानों ने अटल बिहारी वाजपेयी के शव को कंधा दिया है। स्मृति स्थल राजकीय सम्मान और मंत्रोच्चारण के बीच अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को पूरी की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन और तीनों रक्षा प्रमुख ने उनके पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि दी है। भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक भी अटल बिहारी को श्रद्धांजलि देने स्मृति स्थल पहुंचे हैं।
PM Narendra Modi pays last respects to former PM #AtalBihariVajpayee at Smriti Sthal pic.twitter.com/Yd62t8atlH
— ANI (@ANI) August 17, 2018
Defence Minister Nirmala Sitharaman and Lok Sabha Speaker Sumitra Mahajan pay last respects to former PM #AtalBihariVajpayee at Smriti Sthal in Delhi pic.twitter.com/MZpQhYQi1t
— ANI (@ANI) August 17, 2018
राजकीय सम्मान के बाद परिवार के लोगों ने अर्थी को कंधा दिया। उसके बाद अटल बिहारी की दत्तक पुत्री नमिता भट्टाचार्या ने वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को पूरा कर रही हैं।
The last rites are being performed by #AtalBihariVajpayee's daughter Namita Bhattacharya https://t.co/hI5o43WM5j
— ANI (@ANI) August 17, 2018
गौरतलब है कि बीजेपी मुख्यालय से उनका पार्थिव शरीर स्मृति स्थल के लिए निकला था। उनकी अंतिम यात्रा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह और बीजेपी के कई बड़े नेता पैदल चल रहे थे। साथ ही अटल जी की अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी हुई थी।
अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को हुआ। अपनी प्रतिभा, नेतृत्व क्षमता और लोकप्रियता के कारण वे चार दशकों से भी अधिक समय से भारतीय संसद के सांसद रहे। इसके अलावा तीन बार भारत के प्रधानमंत्री पद पर भी सुशोभित हुए। अटल जी अपनी सात्विक राजनीति और संवेदनशीलता के लिए जाने जाते हैं। उनके भाषणों का ऐसा जादू कि लोग सुनते ही रहना चाहते हैं। वाजपेयी ने तबीयत के चलते कई साल पहले सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया था।