‘अप्रिय चिकित्सा घटना’ के शुरुआती निष्कर्षों के मद्देनजर परीक्षण रोकने की आवश्यकता नहीं थी : सरकार
By भाषा | Published: December 1, 2020 07:18 PM2020-12-01T19:18:10+5:302020-12-01T19:18:10+5:30
नयी दिल्ली, एक दिसम्बर केंद्र ने मंगलवार को कहा कि चेन्नई में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के कोविड-19 टीके के परीक्षण में हिस्सा लेने वाले एक भागीदार के कथित तौर पर दिक्कतों का सामना करने के संबंध में शुरूआती निष्कर्षों के मद्देनजर परीक्षण रोकने की आवश्यकता नहीं थी।
केंद्र ने कहा कि यह दवा नियामक को पता लगाना है कि घटना और प्रयोग में कोई संबंध है या नहीं।
सीरम इंस्टीट्यूट के परीक्षण में ‘अप्रिय चिकित्सा घटना’ होने के आरोपों पर सरकार ने कहा कि इसका टीका निर्माण की समय-सीमा पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
चेन्नई में ‘‘कोविशील्ड’’ टीका के परीक्षण के तीसरे चरण में 40 वर्षीय एक व्यक्ति ने गंभीर दुष्प्रभाव की शिकायतें कीं जिसमें तंत्रिका तंत्र में खराबी आना और बोध संबंधी दिक्कतें पैदा होना शामिल है। उसने परीक्षण को रोकने की मांग करने के अलावा सीरम इंस्टीट्यूट एवं अन्य से पांच करोड़ रुपये का मुआवजा भी मांगा है।
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