पेसा के क्रियान्वयन की तत्काल समीक्षा करने की जरुरत : अर्जुन मुंडा
By भाषा | Published: November 18, 2021 07:40 PM2021-11-18T19:40:21+5:302021-11-18T19:40:21+5:30
नयी दिल्ली, 18 नवंबर आदिवासी मामलों के केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने बृहस्पतिवार को कहा कि पारंपरिक ग्राम सभाओं के माध्यम से अनुसूचित क्षेत्रों में स्वशासन सुनिश्चित करने के लिए पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम (पेसा) के प्रावधानों के क्रियान्वयन पर करीब से नजर रखने की जरुरत है।
ग्रामीण विकास और पंचायती राज मामलों के केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और मुंडा ने पेसा पर राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया।
उन्होंने कहा कि ‘‘25 साल में ऐसा पहली बार है’’ जब दो मंत्रालय आदिवासी बहुलता वाले राज्य में किसी कानून के क्रियान्वयन पर संयुक्त बैठक कर रहे हैं।
मंत्री ने कहा, ‘‘जब पूरा देश ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रहा है, ऐसे में आदिवासियों के मूल अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पेसा के लागू होने के 25 साल में उसके क्रियान्वयन की निकटता से समीक्षा करने की जरुरत है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अधिकारियों में स्पष्टता होनी चाहिए कि वे कानून को कैसे लागू कर सकते हैं। सबसे पहले, कानून को लागू करने वाले दोनों मंत्रालयों के अधिकारियों को प्रशिक्षित करने की जरुरत है। इस पर चर्चा के दौरान तमाम मुद्दे सामने आएंगे।’’
सम्मेलन में वरिष्ठ अधिकारियों ने माना कि आदिवासी समुदाय और पेसा को लागू करने वाले अधिकारियों में भी जागरुकता की कमी है।
मुंडा ने कहा कि पेसा आदिवासियों के लिए ‘जल, जंगल, जमीन’ के सिद्धांत की रक्षा करना चाहता है और यह आत्मनिर्भर भारत का मूल है।
उन्होंने कहा कि पेसा के तहत ग्राम सभाओं को मजबूत और अधिकार संपन्न बनाना है।
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