जम्मू-कश्मीर के गांदरबल के मतदाताओं ने कहा, डीडीसी चुनाव केवल स्थानीय मुद्दों पर होते हैं

By भाषा | Updated: November 28, 2020 17:30 IST2020-11-28T17:30:05+5:302020-11-28T17:30:05+5:30

The voters of Jammu and Kashmir's Ganderbal said, DDC elections are held only on local issues | जम्मू-कश्मीर के गांदरबल के मतदाताओं ने कहा, डीडीसी चुनाव केवल स्थानीय मुद्दों पर होते हैं

जम्मू-कश्मीर के गांदरबल के मतदाताओं ने कहा, डीडीसी चुनाव केवल स्थानीय मुद्दों पर होते हैं

गुंड (जम्मू-कश्मीर), 28 नवंबर जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले के कई मतदाताओं ने शनिवार को कहा कि जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनाव स्थानीय मुद्दों को लेकर होते हैं, इसमें उन लोगों को चुना जाना चाहिए जो बुनियादी समस्याओं को हल कर सकें और विशेष दर्जे की बहाली जैसे "बड़े मुद्दों" को विधानसभा और संसदीय चुनावों के लिए छोड़ दिया जाना चाहिए।

आठ चरणों में हो रहे ये डीडीसी चुनाव पिछले साल जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश के रूप में पुनर्गठित किए जाने और इसके विशेष दर्जे को समाप्त किए जाने के बाद, पहले चुनाव हैं। डीडीसी चुनाव के साथ पंचायतों के उपचुनाव भी हो रहे हैं।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और इसे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने की घोषणा की थी।

शनिवार को जम्मू-कश्मीर में डीडीसी चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान हुआ और सात लाख मतदाताओं में से 22 प्रतिशत मतदाताओं ने सुबह 11 बजे तक अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। मध्य कश्मीर जिले की दो डीडीसी सीटों- गुंड-ए और गुंड-बी में सुबह 11 बजे तक 23.14 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।

67 वर्षीय शरीफ-उद-दीन ने जिले के थुने इलाके में एक मतदान केंद्र पर मतदान करने के बाद कहा, ‘‘राजनीतिक मुद्दे विधानसभा या संसद जैसे बड़े मंच के लिए हैं। कानून बनाने के मामले में डीडीसी या पंचों और सरपंचों की क्या भूमिका है? यह चुनाव स्थानीय स्तर पर लोगों के विकासात्मक मुद्दों के समाधान के लिए होता है।’’

हरिगनिवान के शासकीय उच्च्तर माध्यमिक स्कूल में मतदान करने वाली ज़ाहिदा बेगम ने कहा कि उन्होंने एक स्थानीय उम्मीदवार का समर्थन करने के लिए मतदान किया है, जो रोजमर्रा के मुद्दों का समाधान कर सकते हैं।

उसने कहा, ‘‘हमारी कई समस्याएं हैं जिन पर ध्यान देने की जरुरत है। मुझे अनुच्छेद 370 के बारे में कुछ भी नहीं पता है, लेकिन मैं चाहती हूं कि हमारे इलाके की समस्याओं को हल किया जाए।"

एक अन्य मतदाता जुमा कोसवाल ने कहा कि "बड़े मुद्दों पर चर्चा बड़ी पार्टियां करती हैं।’’

उसने कहा, ‘‘हां, हमारी पहचान हमसे छीन ली गई है (विशेष दर्जा खत्म होने के बाद), लेकिन यह चुनाव उसके लिए नहीं है।’’

उसने कहा कि लोग ऐसे उम्मीदवारों को वोट दे रहे हैं जो स्थानीय मुद्दों और समस्याओं को हल कर सकते हैं।

हालांकि, पहली बार मतदान कर रहे युवा समेत कुछ अन्य मतदाताओं ने कहा कि यह चुनाव पूर्ववर्ती राज्य के विशेष दर्जे की बहाली के लिए एक "छोटी लड़ाई" है।

उन्हीं में से एक यासीन अहमद ने कहा, "यह चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हम इसके जरिए उन पार्टियों और लोगों को दूर रख सकते हैं जिन्होंने हमारे विशेष दर्जे को हमसे छीना है।’’

उसने कहा कि हालांकि डीडीसी चुनावों का इस मुद्दे से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन यह एक संदेश भेजेगा कि पिछले साल के फैसले के बारे में लोग क्या सोच रहे हैं।

आठ-चरणों वाले इस चुनाव को गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी), भाजपा और अपनी पार्टी के बीच एक त्रिकोणीय मुकाबले के रूप में देखा जा रहा है।

अधिकारियों के अनुसार, डीडीसी की 280 सीटों के लिए 1,475 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें से 296 उम्मीदवार पहले चरण के मुकाबले में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

इस बीच, जिले के कई मतदाताओं ने कहा कि सर्द मौसम को देखते हुए मतदान सुबह 7 बजे शुरू नहीं होना चाहिए था। लेकिन जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, बड़ी संख्या में लोग मतदान केंद्रों पर जाकर अपने मताधिकार का प्रयोग करने लगे।

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