सैम पित्रोदा ने कहा कि मेरी हिंदी खराब है, मैं 'जो हुआ वो बुरा हुआ' कहना चाहता था, बुरा हुआ को मैं दिमाग में ट्रांसलेट नहीं कर पाया

By सतीश कुमार सिंह | Published: May 10, 2019 08:18 PM2019-05-10T20:18:19+5:302019-05-10T20:18:19+5:30

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान में कहा, ‘‘हमारे समाज में हिंसा और दंगे अस्वीकार्य हैं। कांग्रेस एवं इसके नेतृत्व ने 1984 के दंगों के पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के मकसद से पूरा प्रयास किया है। कांग्रेस ने 1984 के दंगों और साथ ही 2002 के गुजरात दंगे सहित हिंसा की सभी घटनाओं में न्याय और सजा के लिए प्रयास का समर्थन किया है।’’

The statement I made was completely twisted, taken out of context because my Hindi isn't good, what I meant was 'jo hua vo bura hua,' I couldn't translate 'bura' in my mind. | सैम पित्रोदा ने कहा कि मेरी हिंदी खराब है, मैं 'जो हुआ वो बुरा हुआ' कहना चाहता था, बुरा हुआ को मैं दिमाग में ट्रांसलेट नहीं कर पाया

पित्रोदा की सफाई से पहले कांग्रेस ने भी अपनी ओर से लेटर जारी करके सफाई दी थी।

Highlightsकांग्रेस ने पित्रोदा के बयान से दूरी बनाई, नेताओं को संवेदनशील रहने की नसीहत दीसिंघवी ने भोपाल संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा का नाम लिये बिना कहा, ‘‘यह अजीब विडंबना है कि जो आतंकवाद की आरोपी को टिकट देते हैं वो हमें उपदेश देते हैं।

1984 के सिख दंगों को लेकर मचे बवाल पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा ने माफी मांग ली है। सैम पित्रोदा ने कहा कि मेरी हिंदी खराब है, मैं 'जो हुआ वो बुरा हुआ' कहना चाहता था. बुरा हुआ को मैं दिमाग में ट्रांसलेट नहीं कर पाया. मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया।

 सैम पित्रोदा ने कहा कि बीजेपी सरकार ने क्या किया और क्या दिया, इस पर चर्चा करने के लिए हमारे पास अन्य मुद्दे हैं। मुझे खेद है कि मेरी टिप्पणी को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया, मैं माफी मांगता हूं। इस मामले को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया। पित्रोदा की सफाई से पहले कांग्रेस ने भी अपनी ओर से लेटर जारी करके सफाई दी थी।

इस बीच कांग्रेस ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के संदर्भ में सैम पित्रोदा के बयान से शुक्रवार को दूरी बनाते हुए इसे उनकी निजी राय करार दिया और कहा कि पार्टी के नेता बयान देते समय ‘‘ सावधान और संवेदनशील’’ रहें। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान में कहा, ‘‘हमारे समाज में हिंसा और दंगे अस्वीकार्य हैं। कांग्रेस एवं इसके नेतृत्व ने 1984 के दंगों के पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के मकसद से पूरा प्रयास किया है। कांग्रेस ने 1984 के दंगों और साथ ही 2002 के गुजरात दंगे सहित हिंसा की सभी घटनाओं में न्याय और सजा के लिए प्रयास का समर्थन किया है।’’



उन्होंने कहा कि पित्रोदा या कोई दूसरा नेता यदि पार्टी के इस विचार से अलग राय रखता है तो वह उसकी निजी राय होगी। सुरजेवाला ने कहा कि नेताओं को सलाह दी जाती है कि वे बयान देते हुए सावधान और संवेदनशील रहें। इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हिंसा, दंगे, आपसी वैमन्स्य निंदनीय हैं और इन्हें किसी भी तरह से माफ नहीं किया जा सकता।



कांग्रेस ने किसी भी दूसरी पार्टी के मुकाबले अधिक प्रयास किया है कि 1984 के सिख विरोधी दंगों के आरोपियों कानून के तहत कड़ी से कड़ी सजा मिले, साथ साथ पीड़ितों को पूर्ण न्याय मिले, उनका पुनर्वास हो।’’ उन्होंने कहा, ‘‘किसी व्यक्ति द्वारा कोई भी टिप्पणी (यदि) मेरे वक्तव्य से मेल नहीं खाता तो वो पार्टी की राय नहीं हो सकती। हम उसे नकारते हैं। हम स्पष्ट करते हैं कि यह हमारा रुख नहीं है। यह जरूरी है कि पार्टी का हर नेता इस रुख को समझे और जो भी कहे वो पार्टी के रुख से मेल खाए।’’

सिंघवी ने भोपाल संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा का नाम लिये बिना कहा, ‘‘यह अजीब विडंबना है कि जो आतंकवाद की आरोपी को टिकट देते हैं वो हमें उपदेश देते हैं। ये सीधी उनकी दोहरी आवाज को आवाज को दिखाता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा का चाल, चरित्र चेहरा है कि मनभेद पैदा करो ताकि दंगे हों और फिर विभाजन के आधार पर वोट लिए जाएंगे। प्रधानमंत्री की कोशिश को देश समझ गया है। अब वह बेनकाब हो चुके हैं।’’ खबरों के मुताबिक पित्रोदा ने गुरुवार को कहा था कि अब क्या है 84 का? आपने (नरेंद्र मोदी) पांच साल में क्या किया, उसकी बात करिए। 84 में जो हुआ, वो हुआ।

इस मामले पर विवाद खड़ा होने के बाद पित्रोदा ने कहा कि भाजपा अपनी नाकामियां छिपाने के लिए उनके शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है। 

Web Title: The statement I made was completely twisted, taken out of context because my Hindi isn't good, what I meant was 'jo hua vo bura hua,' I couldn't translate 'bura' in my mind.