उधगमंडलम, चार जुलाई नीलगिरी जिले में तीन लोगों और पिछले साल केरल में दो लोगों की जान लेने वाले एक बिगड़ैल हाथी को रविवार को क्राल (हाथियों के लिये बाड़े) से मुक्त कर दिया गया। हाथी के सलफतापूर्वक ‘कुमकी’ (पालतू हाथी) बनने के बाद उसे छोड़ा गया है।
यहां से करीब 90 किलोमीटर दूर पंडालूर में एक दांत वाले 20 वर्षीय हाथी शंकर ने दिसंबर 2020 में खेतों को नुकसान पहुंचाने के बाद तीन लोगों की जान ले ली थी और वहां से केरल के नीलांबुर के निकट वन क्षेत्र में चला गया था जहां उसने दो और लोगों की हत्या कर दी।
हाथी शंकर तमिलनाडु के जंगलों में वापस लौट आया और चेरमपडी में रहने लगा, जहां दोनों राज्यों के वन विभाग के दल उसकी आवाजाही पर नजर रख रहे थे जिससे उसे बेहोश कर काबू में किया जा सके लेकिन कोई फायदा नहीं हो रहा था।
बाद में पांच पालतू हाथियों और वन विभाग के 100 कर्मियों की मदद से 12 फरवरी को शंकर को पकड़ा जा सका और उसे जिले के मुदुमुलाई बाघ अभयारण्य में स्थित थेप्पेकड्डू हाथी शिविर में ले जाकर क्राल में रखा गया।
वन विभाग ने बीते 141 दिनों में एक महावत की मदद से उसे पालतू बनाया। विभाग के एक सूत्र ने कहा कि शंकर अब शांत हो गया है।
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