हिलसा सीट का परिणाम निर्धारित मापदंड का पालन किए जाने के बाद घोषित किया गया- सीईओ बिहार

By भाषा | Updated: November 13, 2020 00:33 IST2020-11-13T00:33:12+5:302020-11-13T00:33:12+5:30

The result of Hilsa seat was declared after following the prescribed criteria - CEO Bihar | हिलसा सीट का परिणाम निर्धारित मापदंड का पालन किए जाने के बाद घोषित किया गया- सीईओ बिहार

हिलसा सीट का परिणाम निर्धारित मापदंड का पालन किए जाने के बाद घोषित किया गया- सीईओ बिहार

पटना, 12 नवंबर बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) एचआर श्रीनिवास ने बृहस्पतिवार को कहा कि हिलसा विधानसभा क्षेत्र का चुनाव परिणाम निर्वाचन आयोग द्वारा उल्लेखित प्रक्रिया के अनुसार घोषित किया गया है। सीट पर जहां जीत-हार का अंतर सिर्फ 12 वोट का था।

श्रीनिवास ने यहां संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों में से 11 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां जीत का अंतर 1,000 मतों से कम था।

उन्होंने कहा कि 11 विधानसभा क्षेत्रों में से जदयू ने 04, राजद ने 03, भाजपा, लोजपा, भाकपा और निर्दलीय ने एक-एक सीट जीती है।

सीइओ ने कहा कि इन 11 विधानसभा सीटों में से, उम्मीदवारों या चुनाव एजेंटों ने छह निर्वाचन क्षेत्रों में वोटों की ‘फिर से गिनती कराने’’ की मांग की थी।

उन्होंने कहा कि रिटर्निंग अधिकारियों ने ‘तर्कपूर्ण आदेश’ पारित किया है, पांच सीटों पर जीत के लिए पुनरीक्षण याचिका को खारिज कर दिया। नालंदा जिले के हिलसा निर्वाचन क्षेत्र में जीत का अंतर (12 मत) अस्वीकृत डाक मतपत्रों (182) की तुलना में कम होने के कारण फिर से गिनती की याचिका स्वीकार कर ली गयी।

हिलसा में जदयू के उम्मीदवार को महज 12 वोटों से जीत मिली, जबकि "अस्वीकार किए गए पोस्टल बैलेट" की संख्या 182 थी, जबकि पांच निर्वाचन क्षेत्रों- रामगढ़, मटिहानी, भोरे, डेहरी और परबत्ता में- जीत का अंतर "अस्वीकृत पोस्टल मतपत्र" से अधिक था।

श्रीनिवास ने कहा कि 18 मई, 2019 को ईसीआई द्वारा जारी किए गए नवीनतम निर्देशों के अनुसार, हिलसा के मामले में ऐसा किया गया ।

उन्होंने कहा कि रिटर्निंग ऑफिसर ने हिलसा में पूरे डाक मतपत्रों की फिर से गिनती की और इस संबंध में एक तर्कपूर्ण आदेश पारित किया गया ।

एक प्रश्न के उत्तर में, सीईओ ने कहा कि उनका कार्यालय संबंधित दस्तावेज और वीडियोग्राफी की प्रति संबंधित पार्टी / पार्टियों को उपलब्ध कराएगा।

श्रीनिवास ने यह भी स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग की गाइडलाइन में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि मतगणना केंद्र के अंदर कौन मोबाइल फोन ले जा सकता है।

उन्होंने कहा कि ईवीएम से मतों की गिनती डाक मतपत्रों की गिनती के 30 मिनट के बाद शुरू होती है और उसके बाद मतगणना अलग-अलग हॉलों में एक साथ चलती है जिसकी वीडियोग्राफी भी होती है।

विपक्षी महागठबंधन के नेता तेजस्वी ने भारी संख्या में डाक मतपत्रों को रद्द किए जाने का आरोप लगाते हुए पुनर्मतगणना की मांग की थी। राजद नेता नेता ने यह भी आरोप लगाया था कि कुछ सीटों पर डाक मतपत्रों की गिनती बाद में की गयी जबकि इसकी गिनती सबसे पहले की जाती है।

इससे पूर्व सीईओ ने आज बिहार विधानसभा के सभी 243 नवनिर्वाचित सदस्यों की सूची राजभवन जाकर राज्यपाल फागू चौहान को सौंपी।

बिहार विधान परिषद की आठ सीटों जिसके लिए 22 अक्टूबर को द्विवार्षिक चुनाव हुए थे, वर्तमान में पटना शिक्षकों के निर्वाचन क्षेत्र का परिणाम घोषित कर दिया गया है, जबकि शेष सीटों के लिए मतगणना जारी है।

भाजपा के नवल किशोर यादव ने अपने निकटतम राजद प्रतिद्वंद्वी नारायण यादव को हराकर पटना शिक्षकों का चुनाव जीता। भाजपा उम्मीदवार को 3176 वोट मिले, जबकि राजद के उम्मीदवार को 1913 वोट मिले।

शेष तीन निर्वाचन क्षेत्रों का परिणाम देर रात तक घोषित होने की संभावना है, जबकि चार स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों के परिणाम कल शाम तक घोषित किए जा सकते हैं।

चार स्नातक और चार शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के लिए द्विवार्षिक चुनाव 22 अक्टूबर को आयोजित किए गए थे।

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