लैंगिक आधार पर भेदभाव करने वाले हिंदू उत्तराधिकार कानून के प्रावधान को न्यायालय में दी गई चुनौती

By भाषा | Published: July 12, 2021 09:41 PM2021-07-12T21:41:55+5:302021-07-12T21:41:55+5:30

The provision of the Hindu Succession Act, which discriminated on the basis of gender, was challenged in the court | लैंगिक आधार पर भेदभाव करने वाले हिंदू उत्तराधिकार कानून के प्रावधान को न्यायालय में दी गई चुनौती

लैंगिक आधार पर भेदभाव करने वाले हिंदू उत्तराधिकार कानून के प्रावधान को न्यायालय में दी गई चुनौती

नयी दिल्ली, 12 जुलाई उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम की धारा 15 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली एक महिला की याचिका पर उच्च न्यायालय के आदेश को देखना चाहेगा। उक्त धारा को इस आधार पर चुनौती दी गयी है कि इसके प्रावधान केवल लैंगिग आधार पर भेदभाव करने वाले हैं।

याचिकाकर्ता ने कहा कि कानून का स्वरूप इस तरह का है कि किसी हिंदू महिला की बिना वसीयत बनाए मृत्यु होने पर, उनके पति के परिवार (उसके विस्तारित परिवार सहित) का महिला की संपत्ति पर महिला के परिवार से ज्यादा मजबूत दावा है, और उन मामलों में भी ऐसा ही है जहां पत्नी ने अपने कौशल या प्रयासों से वह संपत्ति अर्जित की हो।

याचिकाकर्ता की नि:संतान बेटी और दामाद की कोविड-19 के कारण मृत्यु हो गयी थी। उन्होंने कोई वसीयत तैयार नहीं की थी। याचिकाकर्ता के अनुसार कानून के प्रावधान किसी पुरुष और महिला की माताओं के साथ अलग-अलग व्यवहार करने वाले हैं। किसी दिवंगत महिला के माता-पिता को पुरुष के माता-पिता और दूर के रिश्तेदारों के बाद ही अधिकार दिये जाते हैं।

न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने कहा कि अदालत प्रावधान को समझती है लेकिन उच्च न्यायालय के आदेश का लाभ उठाना चाहेगी।

पीठ ने याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता मंजू नारायण नाथन के वकील सुमीर सोढी से कहा कि इस याचिका पर संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत विचार क्यों किया जाए।

पीठ ने कहा, ‘‘आप उच्च न्यायालय क्यों नहीं जाते ताकि हम भी उच्च न्यायालय की राय का लाभ ले सकें।’’

सोढी ने कहा कि मौजूदा मुद्दा देश की हर हिंदू महिला को प्रभावित करने वाला है और इसके परिणाम दूरगामी होंगे।

उन्होंने पीठ को मनाने का प्रयास करते हुए कहा कि उन्होंने अनुच्छेद 32 के तहत याचिका दाखिल की है क्योंकि कानून की धारा 15 के तहत तीन बार भेदभाव पहले ही सामने आ चुका है।

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Web Title: The provision of the Hindu Succession Act, which discriminated on the basis of gender, was challenged in the court

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