समस्या कोविड-19 के टीके की कमी की नहीं, बल्कि योजना की : सरकार

By भाषा | Updated: April 13, 2021 21:40 IST2021-04-13T21:40:06+5:302021-04-13T21:40:06+5:30

The problem is not the lack of Kovid-19 vaccine, but the plan: Government | समस्या कोविड-19 के टीके की कमी की नहीं, बल्कि योजना की : सरकार

समस्या कोविड-19 के टीके की कमी की नहीं, बल्कि योजना की : सरकार

नयी दिल्ली, 13 अप्रैल केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के पास अब भी कोविड-19 के टीकों की 1.67 करोड़ से अधिक खुराक हैं और समस्या टीकों की कमी की नहीं, बल्कि बेहतर योजना की है।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अभी तक राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 13,10,90,370 टीकों की खुराक मिली हैं, जिनमें से कुल खपत 11,43,69,677 खुराकों की ही हुई है। इनमें बेकार हुईं खुराकें भी शामिल हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘पूर्वाह्न 11 बजे तक के आंकड़ों के अनुसार राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के पास अभी इस्तेमाल नहीं की गईं 1,67,20,693 खुराकें हैं। आज से अप्रैल के अंत तक राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 2,01,22,960 खुराकों की आपूर्ति की जाएगी।’’

भूषण ने कहा, ‘‘इससे स्पष्ट दिखाई देता है कि समस्या बेहतर योजना की कमी की है, टीकों की खुराक की कमी की नहीं है। हमने समय-समय पर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को टीकों की खुराक उपलब्ध कराई हैं और जैसा कि हमने आपको पहले बताया था कि बड़े राज्यों को हम एक बार में चार दिन की आपूर्ति देते हैं और चौथे तथा पांचवें दिन हम फिर से आपूर्ति करते हैं। छोटे राज्यों के लिए हम एक बार में सात-आठ दिन की खुराकों की आपूर्ति करते हैं और सातवें या आठवें दिन आपूर्ति दोबारा की जाती है।’’

उन्होंने कहा कि केरल में टीके की एक भी खुराक बर्बाद नहीं हुई है, वहीं दूसरी तरफ अन्य राज्यों में 8-9 प्रतिशत खुराक बेकार जा रही हैं।

देश में कोरोना वायरस के हालात का जिक्र करते हुए भूषण ने कहा कि संक्रमण का पहले का सर्वोच्च स्तर पार हो चुका है और मामले तेजी से बढ़ रहे हैं तथा यही चिंता की बात है।

उन्होंने कहा, ‘‘पहले सितंबर में एक दिन में सर्वाधिक मामले 94,372 के स्तर पर थे, जो आज 1,61,736 प्रतिदिन के स्तर पर पहुंच गया है।’’

भूषण के मुताबिक मौत के मामलों में भी इजाफा देखने को मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि सर्वाधिक चिंता वाले राज्यों में महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और गुजरात आदि हैं।

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने कहा कि गंभीर स्थिति पैदा हो रही है। कुछ राज्यों में हालात ज्यादा खराब हैं लेकिन समस्या पूरे देश में है और जांच, नजर रखने, रोगियों का पता लगाने तथा उपचार करने की रणनीति पर सतत ध्यान होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि उचित कोविड व्यवहार का पालन करने तथा टीका लगाने पर भी जोर होना चाहिए।

रेमडेसिविर टीके की कमी की खबरों के बीच पॉल ने कहा कि यह दवा केवल अस्पताल में भर्ती, गंभीर रोगियों को देनी होती है और घरों में इसके इस्तेमाल का कोई सवाल ही नहीं उठता तथा केमिस्ट की दुकान से इन्हें नहीं खरीदा जाना चाहिये।

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ इलाकों में रेमडेसिविर की कमी सामने आई जिसके बाद इसके निर्यात पर रोक लगा दी गयी है। अब यह दवा पर्याप्त रूप से उपलब्ध है। हम डॉक्टरों से अपील करते हैं कि अस्पतालों में भर्ती रोगियों के लिए रेमडेसिविर का तर्कसंगत, उचित और सही इस्तेमाल सुनिश्चित करें।’’

पॉल ने लोगों को सलाह दी कि वे आयुष के उत्पादों को अपनाएं तथा च्यवनप्राश, तुलसी काढ़ा, दूध में हल्दी डालकर सेवन करें, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी।

कोरोना वायरस के टीके की दोनों खुराक लेने के बाद भी कुछ लोगों के संक्रमित होने के सवाल पर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि कोविड-19 के टीके गंभीर रूप से संक्रमण और मृत्यु होने की आशंका को कम करते हैं।

उन्होंने कहा कि टीकाकरण के बाद अस्पतालों में भर्ती होने के मामलों में 85 प्रतिशत की कमी आई है और यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भलीभांति साबित हो गया है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: The problem is not the lack of Kovid-19 vaccine, but the plan: Government

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे