बिहार में रुपौली विधानसभा उपचुनाव में एनडीए और राजद की प्रतिष्ठा लगी है दाव पर, दिग्गज उतरे चुनाव प्रचार में

By एस पी सिन्हा | Updated: July 6, 2024 17:42 IST2024-07-06T17:42:33+5:302024-07-06T17:42:33+5:30

रुपौली सीट पर हो रहे उपचुनाव में 13 प्रत्याशियों ने पर्चा दाखिल किया था, जिसमें से एक प्रत्याशी का नामांकन रद्द कर दिया गया है।

The prestige of NDA and RJD is at stake in the Rupauli assembly by-election in Bihar, bigwigs entered the election campaign | बिहार में रुपौली विधानसभा उपचुनाव में एनडीए और राजद की प्रतिष्ठा लगी है दाव पर, दिग्गज उतरे चुनाव प्रचार में

बिहार में रुपौली विधानसभा उपचुनाव में एनडीए और राजद की प्रतिष्ठा लगी है दाव पर, दिग्गज उतरे चुनाव प्रचार में

Highlightsरूपौली विधानसभा सीट पर 10 जुलाई को उपचुनाव होने वाला हैबीमा भारती के इस्तीफे के बाद यह विधानसभा की सीट खाली हुई हैउपचुनाव में 13 प्रत्याशियों ने पर्चा दाखिल किया था, जिसमें से एक प्रत्याशी का नामांकन रद्द कर दिया गया है

पटना: लोकसभा चुनाव के बाद अब रुपौली विधानसभा उपचुनाव ने एक बार फिर से बिहार की सियासत गर्मा दी है। रुपौली विधानसभा उपचुनाव में अलग-अलग उम्मीदवारों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। राजद ने लोकसभा चुनाव में पूर्णिया से हार चुकी बीमा भारती को प्रत्याशी बनाया है, जबकि एनडीए की ओर से जदयू ने कलाधर प्रसाद मंडल को चुनावी मैदान में उतारा है। लेकिन रुपौली विधानसभा उपचुनाव को लेकर राजद की राह आसान नहीं है। रुपौली सीट पर हो रहे उपचुनाव में 13 प्रत्याशियों ने पर्चा दाखिल किया था, जिसमें से एक प्रत्याशी का नामांकन रद्द कर दिया गया है।

वहीं, रुपौली विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव दोनों मैदान में उतर चुके हैं। इस बार फिर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की साख भी दांव पर है, जिसे बचाने के लिए दोनों गठबंधन के कई नेता और कार्यकर्ता दिन रात चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं। 

दरअसल बीमा भारती के इस्तीफे के बाद खाली हुई रूपौली विधानसभा सीट पर 10 जुलाई को उपचुनाव होने वाला है। हाल ही में पूर्णिया सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए बीमा भारती ने इस सीट पर इस्तीफा दिया था। हालांकि लोकसभा चुनाव में बीमा भारती हर गईं थीं। बीमा के सामने जदयू से कलाधर मंडल चुनावी ताल ठोंक रहे हैं। 

वहीं, निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर शंकर सिंह भी लोजपा(रा) से इस्तीफा देकर चुनावी मैदान में हैं। शंकर सिंह ने भी दोनों गठबंधन के उम्मीदवारों की नींद उड़ा रखी है। लेकिन बीमा भारती को सबसे ज्यादा खतरा पूर्णिया सांसद पप्पू यादव से है। शायद यही कारण है कि बीमा भारती ने पिछले दिनों पप्पू यादव से जाकर मुलाकात की थी। 

इस बीच पप्पू यादव ने साफ कहा है कि रुपौली विधानसभा की जनता को नया प्रतिनिधि मिलने जा रहा है। पप्पू यादव के इस बयान से सियासी पारा चढ़ गया है। उधर, पूर्णिया के भवानीपुर के चर्चित व्यवसायी गोपाल यादुका की हत्या के मामले में पूर्व विधायक बीमा भारती के पति अवधेश मंडल और बेटे राजा कुमार के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद से दोनों फरार चल रहे हैं। 

रुपौली उपचुनाव पर काफी कुछ हालात पूर्णिया लोकसभा जैसे दिख रहे हैं। इस बार भी मुकाबला त्रिकोणीय होता दिखाई दे रहा है। लोकसभा चुनाव में पूर्णिया सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव ने चुनाव जीता था।

Web Title: The prestige of NDA and RJD is at stake in the Rupauli assembly by-election in Bihar, bigwigs entered the election campaign

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