याचिका में न्यायालय से केंद्र को चुनावी बांड की और बिक्री नहीं होने देने का निर्देश देने का अनुरोध
By भाषा | Updated: March 9, 2021 19:58 IST2021-03-09T19:58:56+5:302021-03-09T19:58:56+5:30

याचिका में न्यायालय से केंद्र को चुनावी बांड की और बिक्री नहीं होने देने का निर्देश देने का अनुरोध
नयी दिल्ली, नौ मार्च उच्चतम न्यायालय में मंगलवार को एक याचिका दाखिल कर केंद्र और अन्य पक्षों को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि राजनीतिक दलों के वित्तपोषण और उनके खातों में पारदर्शिता की कथित कमी से संबंधित एक मामले के लंबित रहने के दौरान चुनावी बांड की आगे और बिक्री की अनुमति नहीं दी जाए।
लंबित याचिका में एक एनजीओ द्वारा दाखिल आवेदन में दावा किया गया है कि इस बात की गंभीर आशंका है कि पश्चिम बंगाल और असम समेत कुछ राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले चुनावी बांडों की आगे और बिक्री से ‘‘मुखौटा कंपनियों के जरिये राजनीतिक दलों का अवैध और गैरकानूनी वित्तपोषण और बढ़ेगा।’’
उसने आरोप लगाया कि राजनीतिक दलों द्वारा 2017-18 और 2018-19 के लिए उनकी ऑडिट रिपोर्ट में घोषित चुनावी बांडों के आंकड़ों के अनुसार ‘‘सत्तारूढ़ दल को आज तक जारी कुल चुनावी बांड के 60 प्रतिशत से अधिक बांड प्राप्त हुए थे’’।
आवेदन में केंद्र को मामला लंबित रहने तक और चुनावी बांड की बिक्री नहीं होने देने का निर्देश देने की मांग करते हुए दावा किया गया है कि अब तक 6,500 करोड़ रुपये से अधिक के चुनावी बांड बेचे गये हैं, जिनमें अधिकतर चंदा सत्तारूढ़ पार्टी को गया है।
वकील प्रशांत भूषण के माध्यम से दाखिल याचिका में कहा गया, ‘‘इस बात की गंभीर आशंका है कि पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और असम में होने वाले चुनावों से पहले चुनावी बांड की और बिक्री होने से मुखौटा कंपनियों के जरिये राजनीतिक दलों का अवैध और गैरकानूनी वित्तपोषण और अधिक बढ़ेगा।’’
एनजीओ ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ ने एक अलग याचिका दाखिल कर मामले को अत्यावश्यक श्रेणी में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का भी अनुरोध किया और कहा कि आखिरी बार यह 20 जनवरी, 2020 को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध थी।
शीर्ष अदालत ने पिछले साल 20 जनवरी को 2018 की चुनावी बांड योजना पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया था और योजना पर रोक लगाने की एनजीओ की अंतरिम अर्जी पर केंद्र तथा चुनाव आयोग से जवाब मांगा था।
सरकार ने दो जनवरी, 2018 को चुनावी बांड योजना की अधिसूचना जारी की थी।
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