"पार्टी समय पर फैसल लेगी, इसमें राजनीति करने की कोई बात नहीं है", डीके शिवकुमार ने राम मंदिर समारोह में कांग्रेस के शामिल होने के फैसले में हो रही देरी पर कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: January 7, 2024 02:10 PM2024-01-07T14:10:44+5:302024-01-07T14:15:13+5:30
राम मंदिर समारोह में शामिल होने या न होने के संबंध में कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि कांग्रेस पार्टी सही समय पर रही फैसला लेगी।
बेंगलुरु: उत्तर प्रदेश के अयोध्या के राम मंदिर में भव्य प्रतिष्ठापन की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे सियासी तपमान में वृद्धि होती जा रही है। जी हां, राम मंदिर समारोह में शामिल होने या न होने पर कांग्रेस समेच विपक्षी दलों की अनिर्णय की स्थिति के कारण यह मामला अब सियासी मुद्दा भी बनता जा रहा है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार कांग्रेस के राम मंदिर समारोह में शामिल होने या न होने के संबंध में कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से न तो उन्हें और न ही मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को 22 जनवरी को समारोह का निमंत्रण मिला है।
इस बात पर अटकलों को कि क्या देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस राम मंदिर समारोह में शामिल होगी या नहीं, कांग्रेस के दिग्गज नेता डीके शिवकुमार ने कहा कि पार्टी इस संबंध में सही समय पर उचित फैसला लेगी।
शिवकुमार ने कहा, "मुझे तो मंदिर समारोह में शामिल होने के लिए राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से कोई आमंत्रण नहीं मिला है और न ही हमारे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को ही बुलाया गया है। मैंने देखा कि हमारे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को आमंत्रित किया गया है, लेकिन पार्टी सही समय पर सही फैसला करेगी।"
डीके शिवकुमार ने खुद को 'राम भक्त' बताते हुए कहा कि राम तो सभी के भीतर में हैं, उन्होंने कहा कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा, "मैं हिंदू हूं और राम भक्त भी हूं। मैं हनुमान का भक्त हूं। हम सभी यहां से प्रार्थना करते हैं। राम हमारे भीतर हैं, हमारे दिल में हैं। यहां राजनीति करने के लिए कुछ भी नहीं है।"
खबरों के मुताबिक राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अभिषेक समारोह में शामिल होने के लिए निमंत्रण मिला है। हालांकि पार्टी ने अभी तक उपस्थिति की पुष्टि नहीं की है।
वहीं बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल-सेक्युलर के अध्यक्ष नीतीश कुमार और सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी भी मंदिर ट्रस्ट की ओर से निमंत्रण पाने वाले अन्य विपक्षी नेताओं में शामिल हैं। हालांकि सीपीएम ने पहले ही मंदिर ट्रस्ट का समारोह में शामिल होने का निमंत्रण अस्वीकार कर दिया है। सीपीएम का कहना है कि भाजपा धर्म के नाम पर राम मंदिर का राजनीतिकरण कर रही है। जबकि नीतीश कुमार की उपस्थिति के बारे में अभी तक कोई पुष्टि नहीं हुई है।