"असम के मुख्यमंत्री जिस पार्टी से हैं, वह 'हमास' से कम नहीं है", संजय राउत ने भाजपा को हमास जैसा बताया
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: October 19, 2023 12:42 IST2023-10-19T12:34:08+5:302023-10-19T12:42:10+5:30
संजय राउत ने केंद्र और कई राज्यों में शासन करने वाली भारतीय जनता पार्टी के बारे में बेहद विवादित बयान देते हुए उसकी तुलना फिलिस्तीन समर्थक हमास से की है, जिसके कारण एक नया सियासी विवाद खड़ा कर दिया है।

"असम के मुख्यमंत्री जिस पार्टी से हैं, वह 'हमास' से कम नहीं है", संजय राउत ने भाजपा को हमास जैसा बताया
मुंबई: शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत ने बेहद विवादित बयान देते हुए केंद्र और कई राज्यों में शासन करने वाली भारतीय जनता पार्टी की तुलना फिलिस्तीन समर्थक हमास से करके नया सियासी विवाद खड़ा कर दिया है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार संजय राउत ने इजराइल-हमास युद्ध पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार के बयान पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए गुरुवार को कहा कि असम के मुख्यमंत्री सरमा जिस पार्टी में हैं, वह 'हमास' से कम नहीं है।
उन्होंने कहा, ''वह (हिमंत बिस्वा सरमा) जिस पार्टी में हैं क्या वह हमास से कम है। वे लोग विपक्ष को खत्म करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रहे हैं। पहले तो उन्हें इतिहास पढ़ना और समझना चाहिए। वह भाजपा का हिस्सा हैं और उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में जानना चाहिए कि वो फ़िलिस्तीन-इज़राइल पर कहां खड़े थे।"
दरअसल असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शरद पवार के बयान को लेकर पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले पर निशाना साधा था। सीएम सरमा ने कहा, ''मुझे लगता है कि शरद पवार हमास के लिए लड़ने के लिए सुप्रिया सुले को गाजा भेजेंगे।''
वहीं मुख्यमंत्री सरमा के इस बयान पर बारामती से लोकसभा सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि भाजपा को ऐसी टिप्पणी करने से पहले शरद पवार के भाषण को ध्यान से सुनने की जरूरत है।
सुले ने कहा, "मैं आश्चर्यचकित हूं क्योंकि हिमंत बिस्वा सरमा का डीएनए मेरे जैसा ही है। वह भी मूल रूप से कांग्रेस से हैं। उनका और मेरा डीएनए एक ही है। आप जानते हैं कि भाजपा महिलाओं के प्रति कैसे अपमानजनक है। लेकिन मुझे हिमंत बिस्वा सरमा से उम्मीदें थीं। आश्चर्य है कि महिलाओं के प्रति उनका यह बदलाव और दृष्टिकोण कहां से आया है, शायद बीजेपी में जाना उन्हें थोड़ा परेशान कर रहा है।"
मालूम हो कि बीते 15 अक्टूबर को मुंबई में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने कहा था कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्रियों की भूमिका फिलिस्तीन की मदद करना था। जवाहरलाल नेहरू, राजीव गांधी, इंदिरा गांधी से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी तक ने फिलिस्तीन की मदद की थी। पहली बार इस देश के प्रधानमंत्री ने इजराइल की भूमिका का समर्थन किया। एनसीपी का रुख स्पष्ट होना चाहिए। हम उसके साथ खड़े हैं, जो लोग मूल रूप से उस भूमि के है।"
भाजपा की ओर से शरद पावर के इस भाषण की व्यापक आलोचना हो रही है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पवार के कथन की निंदा करते हुए इसे सड़ी हुई मानसिकता करार दिया।
उन्होंने कहा, "यह अफ़सोस की बात है कि एक व्यक्ति, जो भारत का रक्षामंत्री के साथ कई बार मुख्यमंत्री रहा हो। वह आतंक से संबंधित इस मुद्दों पर ऐसा दृष्टिकोण रखता है।"