किसानों की आत्महत्या को लेकर विपक्ष ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में मचाया हंगामा
By भाषा | Updated: December 21, 2020 19:58 IST2020-12-21T19:58:40+5:302020-12-21T19:58:40+5:30

किसानों की आत्महत्या को लेकर विपक्ष ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में मचाया हंगामा
रायपुर, 21 दिसंबर छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्य के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने किसानों की आत्महत्या का मामला उठाया और जमकर हंगामा किया। विपक्षी सदस्यों के निलंबन के बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हुआ। सदन में जब प्रश्नकाल समाप्त हुआ, तब भाजपा के सदस्य शिवरतन शर्मा ने राज्य में किसानों की आत्महत्या का मुद्दा उठाया और इस विषय पर काम रोककर चर्चा कराए जाने की मांग की।
विपक्ष की मांग के बाद सभापति सत्यनारायण शर्मा ने विपक्ष द्वारा प्रस्तुत स्थगन प्रस्ताव की सूचना को पढ़ा।
विधानसभा में विपक्ष ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में किसान सबसे ज्यादा पीड़ित हुए हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 2500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने की घोषणा की थी। लेकिन, खरीफ वर्ष 2019-20 में सहकारी समितियों में धान बेचने के बाद किसानों को पूरा भुगतान नहीं मिला है।
विपक्ष ने हाल ही में रायपुर, सरगुजा, दुर्ग, राजनांदगांव और कोंडागांव जिलों में किसानों द्वारा आत्महत्या की घटनाओं का हवाला दिया और आरोप लगाया कि राज्य भर से ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं।
भाजपा सदस्यों ने इस दौरान आरोप लगाया कि राज्य के किसानों की फसल नकली खाद और बीज के कारण खराब हुई थी। जिसके चलते किसानों ने आत्महत्या की है।
विपक्ष के आरोपों को नकारते हुए राज्य के सहकारिता मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकम ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसानों की स्थिति सुदृढ़ करने के लिए राज्य में अनेक कार्य किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य में कांग्रेस सरकार के गठन के तुरंत बाद 13.46 लाख किसानों के 5260.69 करोड़ के ऋण माफ कर दिए गए। वहीं वित्तीय वर्ष 2020-21 में राज्य के 12.65 लाख किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर 4,630 करोड़ रूपए का ऋण दिया गया।
मंत्री ने कहा कि खरीफ फसल वर्ष 2018-19 में किसानों का धान 2500 रुपये प्रति क्विंटल के दर से खरीदा गया। जबकि 2019-20 में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत सहायता के रूप में उन्हें प्रति एकड़ 10,000 रूपये दिए गए।
उन्होंने कहा कि न्याय योजना के तहत 18.38 लाख किसानों को अब तक तीन किश्तों में 4,488 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया है। चालू खरीफ मौसम में 21.48 लाख किसानों ने धान बेचने के लिए सहकारी समितियों में अपना पंजीकरण कराया है।
सहकारिता मंत्री के जवाब के बाद राज्य के कृषि मंत्री रवींद्र चौबे ने कहा कि सरकार स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तैयार है।
सभापति शर्मा ने चर्चा शुरू करने के लिए भाजपा के सदस्य का नाम पुकारा तब भाजपा सदस्यों ने कहा कि राज्य सरकार मृत किसानों के परिजनों को 25 लाख रूपये मुआवजा देने की घोषणा करे।
तब कांग्रेस के सदस्यों ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि सरकार इस विषय पर चर्चा करना चाह रही है लेकिन विपक्ष चर्चा से भाग रहा है।
इसके बाद पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने सदन में नारेबाजी शुरू कर दी। सदन में शोरगुल होता देख सभापति ने सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी।
सदन की कार्यवाही जब फिर से शुरू हुई तब पक्ष और विपक्ष के बीच एक बार फिर से नोंकझोक शुरू हो गई। विपक्ष ने मृत किसानों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की और सदन के गर्भगृह में पहुंचकर नारेबाजी करने लगे।
बाद में सभापति शर्मा ने गर्भगृह पहुंचे भाजपा और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के सदस्यों के निलंबित होने की जानकारी दी तथा सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
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